गिरिडीह: बाबूलाल मरांडी के विधानसभा क्षेत्र धनवार में एक लूट और एक डकैती की घटना घटी थी. इन दोनों कांडों का सीधा कनेक्शन लौहनगरी जमशेदपुर से निकला है. गिरिडीह एसपी डॉ बिमल कुमार के नेतृत्व में धनवार थाना पुलिस ने दोनों कांड का न सिर्फ उद्भेदन किया है, बल्कि इन कांड में शामिल 9 लोगों ( दो लोग पहले जेल गए) को जेल भेज दिया है. जेल भेजे गए अभियुक्तों के पास घटना में इस्तेमाल किए गए तीन पिस्टल, जिन्दा गोली, मोबाइल और नगद राशि भी बरामद की गई है. इसकी पुष्टि एसपी डॉ बिमल कुमार ने की है.
ऐसे दिया घटना को अंजाम
जेल जाने से पहले अभियुक्तों ने पुलिस को जो जानकारी दी है वह किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है. इस पटकथा के मुख्य किरदार कहे तो मास्टरमाइंड 2 जनवरी को जेल भेजा गया रोहित शर्मा उर्फ टुटु विश्वकर्मा है. जेल जाने से पहले रोहित ने पुलिस को पूरी कहानी बतलायी है. पुलिस के समक्ष रोहित ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार उसका ननिहाल धनवार के बड़ा चौक में है. वह अक्सरा धनवार आया करता था. 6 दिसम्बर 2024 को भी रोहित अपने साथियों के साथ ट्रेन पर सवार होकर सीधा हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन पहुंचा. यहां से अपने साथियों के साठ बरजो गांव पहुंचा और श्मशान में ही रुक गया. दो रात यहीं पर गुजारी इस दौरान अपने लोकल साथी के साथ रेकी करना शुरू किया. दिनभर रेकी करता फिर रात में श्मशान में ही पार्टी करता था. 8 दिसंबर को अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर धनवार थाना इलाके में लूट की घटना को अंजाम दिया फिर फरार होकर हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन पहुंचा और ट्रेन में बैठकर फरार हो गया.
22 दिनों बाद फिर पहुंचा धनवार
लूट की इस घटना के बाद ये लोग पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े तो लगा कि फिर से बड़ा अपराध किया जाए. इस बार रोहित अपने साथियों के साथ फिर से ट्रेन पर सवार होकर हजारीबाग रोड में उतरा और बरजो आ गया. बरजो से पैदल ही रेलवे स्टेशन की तरफ गया और इस बार भी अपना और साथियों का ठिकाना श्मशान घाट को ही बनाया.
रेल पटरी के सहारे घर तक पहुंचते थे अपराधी
पुलिसिया पूछताछ में रोहित व अन्य अपराधियों ने बतलाया कि अंधेरा होने के बाद ये लोग रेल पटरी के सहारे ही घटना को अंजाम देने निकलते थे. 31 दिसंबर की रात को पटरी से होते हुए रोहित समेत अन्य अपराधी धनवार छठ घाट गए और फिर पुजारी चन्द्रिका पांडेय के घर डकैती की. हालांकि इस दौरान स्थानीय लोग जुट गए तो दो अपराधी पकड़े गए.
जेल भेजे गए अभियुक्त
एसपी डॉ बिमल कुमार ने बतलाया कि इस कांड में जहां 2 जनवरी को पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के बर्मा माइंस थाना इलाके के कैरेज कॉलोनी फुटबॉल मैदान निवासी रोहित शर्मा उर्फ टुटु विश्वकर्मा (पिता प्रमोद पांडेय) और जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के जादूगोड (हरहरघुटु) कंकिरी मंदिर के समीप रहने वाले आकाश मिश्रा (पिता श्याम कुमार मिश्रा) को जेल भेजा गया था.
वहीं, मंगलवार (7 जनवरी) को इस कांड के फरार अभियुक्तों में से पूर्वी सिंहभूम जिले के बागबेरा थाना अंतर्गत बागबेगरा (रानीडीह गुल्टूझोपरी) निवासी सागर मुंडा (पिता हेमंत मुंडा), गांधीनगर निवासी पृथ्वी लोहार (पिता विष्णु लोहार) परसोडीह थाना इलाके के मुसाबनी निवासी सूरज टुडू ( पिता सुनिल टुडू ), जादूगोड़ा थाना इलाके के इचरा निवासी बिटुनाग सबर ( पिता दुसननाग सबर), तिलायडीह निवासी मोहन किस्कु ( पिता शिव लाल किस्कु ), पश्चिम सिंहभूम जिले के जगरनाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत छनपदा निवासी सुनिल नायक उर्फ सुनिल मुण्डा ( पिता घसिया नायक) एवं गिरिडीह जिले के धनवार थाना अंतर्गत भतुआटांड़ निवासी इलियास अंसारी ( पिता करीब अंसारी) को जेल भेजा गया. बाकी फरार अभियुक्तों की तलाश की जा रही है.
विशेष टीम ने किया गिरफ्तार
एसपी ने बतलाया कि 31 दिसंबर की रात को घटित कांड में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ हुई और सभी अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद और जमुआ इंस्पेक्टर रोहित कुमार महतो की अगुवाई में टीम का गठन किया. टीम में धनवार थाना प्रभारी सतेंद्र कुमार पाल, जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत, हीरोडीह थाना प्रभारी धर्मेन्द्र अग्रवाल, परसन ओपी प्रभारी सुनील कुमार, अनि रविन्द्र कुमार, सुजित कुमार सिंह, टेक्निकल सेल के जोधन महतो को शामिल करते हुए त्वरित कार्रवाई की गई और अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार अपराधियों ने अपना जुर्म स्वीकार किया है और सभी को जेल भेजा गया हैं.
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