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'हिंदी केवल भाषा नहीं, यह हमारी संस्कृति, सोच और विचारों को सशक्त करती है' : सीएम भजनलाल - OFFICIAL LANGUAGE CONFERENCE

जयपुर में राजभाषा विभाग की ओर से संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया गया.

राजभाषा सम्मेलन का आयोजन
राजभाषा सम्मेलन का आयोजन (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 17, 2025, 1:41 PM IST

Updated : Feb 17, 2025, 2:02 PM IST

जयपुर :सरकारी विभागों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की ओर से सोमवार को जयपुर में संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें मध्य, पश्चिम और उत्तर क्षेत्रों के राज्यों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रहे, जबकि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, सोच और विचारों को सशक्त करती है.

प्रचार से हिंदी बनेगी सशक्त माध्यम :मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी भाषा का कोई मोल नहीं है. संविधान के अनुच्छेद 343 में उल्लेख है कि संघ की राजभाषा हिंदी होगी. साथ ही अनुच्छेद 351 में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रचार की बात कही गई है, ताकि हिंदी भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके. सभी भाषाओं से हिंदी का जुड़ाव है. अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का समावेश भी हिंदी में होता है. इसी भावना के अनुरूप राजभाषा विभाग हिंदी के विकास के लिए क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन करता है.

संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन (ETV Bharat Jaipur)

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तकनीकी पक्ष पर काम करना जरूरी :सीएम ने कहा कि आज के तकनीकी युग में डिजिटल प्लेटफॉर्म का महत्व बढ़ता जा रहा है. हिंदी का इन तकनीकी क्षेत्रों में प्रयोग आज की बड़ी आवश्यकता है. सम्मेलन में कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने की नवीनतम तकनीक और सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई है, ताकि हम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी हिंदी का प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकें. जिन संस्थाओं को राजभाषा पुरस्कार मिला है, उन्हें भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी है.

देश की एकता-अखंडता को बनाती मजबूत :सीएम ने कहा कि आप सबका हिंदी के प्रति लगाव हमारी प्रेरणा का स्रोत है. यह एक ऐसी भाषा है, जो हमारी संस्कृति और सामाजिक व्यवहार को आगे बढ़ाने का काम करती है. यह प्राचीन भाषाओं में से एक है. इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से प्रतिस्पर्द्धा भी होती है, जो देश की एकता और अखंडता को मजबूत करती है. हिंदी एक सहज भाषा है. यह यूनेस्को सम्मेलन की दस अधिकृत भाषाओं में से एक है. हिंदी पूर्णतया वैज्ञानिक भाषा है, जो जैसी लिखी जाती है वैसी ही बोली और पढ़ी भी जाती है. यह विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है.

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राजस्थान में राजकाज की प्रमुख भाषा है हिंदी :सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारे प्रदेश में हिंदी राजकाज की प्रमुख भाषा है. हिंदी भाषा के संवर्धन और विकास पर प्रदेश में निरंतर काम हो रहा है. यहां प्रशासनिक क्षेत्र में हिंदी का व्यापक प्रयोग हो रहा है. इसे बढ़ावा देने के लिए लगातार नवाचार किए जा रहे हैं. हमारा कर्तव्य है कि हम हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए हर संभव प्रयास करें, क्योंकि यह केवल एक संवैधानिक निर्देश की नहीं है बल्कि एक राष्ट्रीय आवश्यकता भी है.

हमारी अपेक्षाओं को पूरा करती है हिंदी :केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि राजभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है. राजभाषा हिंदी का प्रयोग हमारी एकता का सूत्रधार बनता है. देश की जनता की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सभी प्रकार की अपेक्षाओं को पूरा करने वाली भाषा हिंदी है. सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को आखिरी सिरे तक पहुंचाना सरकारी तंत्र की कसौटी है. सरकार की कल्याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी मानी जाएंगी, जब जनता और सरकार के बीच सशक्त संवाद हो और योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को मिले. हमारा लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है, जब जन-जन तक उनकी ही भाषा में उनके हित की बात पहुंचे. इसमें कोई संदेह नहीं कि राजभाषा हिंदी राष्ट्रीय स्तर पर यह जिम्मेदारी निभा रही है.

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सांस्कृतिक विविधता राजस्थान की पहचान :उन्होंने कहा कि संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन जयपुर में हो रहा है. सांस्कृतिक विविधता राजस्थान की पहचान है. राजधानी जयपुर अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए जानी जाती है. प्रदेश की भाषाएं और बोलियां विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को दर्शाती हैं. आतिथ्य सत्कार राजस्थान की परंपरा रही है, इसलिए यहां लोग कहते हैं पधारो म्हारे देश. राजस्थान के लोग अपने आतिथ्य सत्कार और शिष्टाचार के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अलग पहचान रखते हैं.

16 प्रदेशों के 3500 प्रतिनिधियों ने की शिरकत :जयपुर के जेईसीसी में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तर-1, उत्तर-2, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्रों में शामिल दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और दमण दीव, दादरा एवं नागर हवेली के 3500 प्रतिनिधियों ने शिरकत की. इस दौरान सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने की दिशा में उल्लेखनीय काम करने वाले 110 विभागों व उनके प्रतिनिधियों को पुरस्कार दिए गए. इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा और जयपुर सांसद मंजू शर्मा भी मौजूद रहीं.

Last Updated : Feb 17, 2025, 2:02 PM IST

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