जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल जीवन मिशन योजना की समीक्षा के लिए बैठक ली. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में हुई अनियमितता की वजह से इस योजना को लेकर आमजन में भ्रांतियां फैल गई. हमारी सरकार रणनीति बनाकर काम को आगे बढ़ाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत सभी घरों को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सरकार का लक्ष्य है. इसके लिए प्रतिदिन के कार्यों का निर्धारण करते हुए अधिक से अधिक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने की गति को बढ़ाया जाए, ताकि राजस्थान जल जीवन मिशन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सके. वे रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जल जीवन मिशन में अनियमितता हुई. जिससे इस योजना को लेकर आमजन के बीच भ्रांतियां बन गई हैं. इसके लिए दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीति बनाकर कार्य पूरे किए जाएं. बैठक में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (जल संसाधन) अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता, शासन सचिव (जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी) डॉ. समित शर्मा सहित मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
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जेजेएम में पानी के स्रोत का निर्धारण महत्वपूर्ण :मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में आगे किए जाने वाले कार्यों में पानी का स्रोत पहले पता किया जाए. मिशन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि पानी के स्रोत की व्यवस्था किस प्रकार की जाती है. इसलिए ईआरसीपी, ताजेवाला हैड, आईजीएनपी या भूजल आदि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पानी के स्रोत का निर्धारण किया जाए. पुराने कार्यों की समीक्षा की जाए और गड़बड़ी वाले कार्यों को चिन्हित करते हुए सख्त कार्रवाई की जाए.
सड़कों की हो मरम्मत :उन्होंने निर्देश दिए कि पानी की टंकियों में वाटर सप्लाई की स्थिति की सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाए. पाइपलाइनों की गुणवत्ता व गहराई तथा ट्यूबवेल्स में बिजली कनेक्शन जारी करने के निर्देश दिए. साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में खोदी गई सड़कों की मरम्मत सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. भजनलाल शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रतिदिन किए गए कार्यों की प्रगति रिपोर्ट तैयार कर उनकी मॉनिटरिंग की जाए. इसके लिए उन्होंने संभागवार नोडल अधिकारी नियुक्त करने एवं जिला स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए अधिकृत करने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर जल जीवन मिशन समिति की नियमित बैठकों की सूचना का मॉनिटरिंग सिस्टम भी तैयार किया जाए.
संशोधित पॉलिसी की जाए जारी :सीएम ने निर्देश दिए कि पाइप पॉलिसी, ओएंडएम पॉलिसी 20 जून तक तैयार कर ली जाए. साथ ही, उन्होंने कहा कि बीएसआर में भी आवश्यकता के अनुरूप परिवर्तन कर संशोधित पॉलिसी जारी की जाए. टेण्डर प्रक्रिया में पूर्ण रूप से पारदर्शिता एवं अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने काम की गुणवत्ता के आधार पर संवेदकों को नियमित रूप से भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
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राज्य सरकार देगी हरसंभव संसाधन :मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए राज्य सरकार हर संभव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए सकारात्मक है. उन्होंने मानव संसाधन एवं वित्तीय प्रावधानों को लेकर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही, वृहद् परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने 19 हजार 152 करोड़ रुपए की लागत की निविदाओं की कार्रवाई को आगामी दिनों में पूरा करते हुए इनके वर्क-ऑर्डर जारी करने के लिए निर्देशित किया. उन्होंने 26 हजार 819 करोड़ रुपए के 18 पैकेजेज के संबंध में निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए.
अब तक 1355 करोड़ रुपए खर्च : भजनलाल शर्मा ने कहा कि इसी माह में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के लिए HUDCO तथा REC के माध्यम से ऋण की व्यवस्था की जाए. उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7 जून तक 1 हजार 355 करोड़ रुपए का व्यय जल जीवन मिशन में किया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने जारी नल कनेक्शन के प्रमाणन की प्रक्रिया को तेज करने एवं जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए. साथ ही, उन्होंने शिकायतों के समाधान के लिए सुदृढ़ प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी आधारित विद्युत आपूर्ति व्यवस्था का अधिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाए.