पटना :बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की नई शिक्षक नियमावलीने शिक्षकों के बीच भेद पैदा कर दिया है. शिक्षा विभाग द्वारा नवनियुक्त बीपीएससी शिक्षक जहां इस नई नियमावली से काफी खुश हैं. वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षक नई स्थानांतरण नीति से काफी नाराज हैं. नियोजित शिक्षकों का कहना है कि नई ट्रांसफर नीति उनके घर से उन्हें दूर कर रहा है, जबकि बीपीएससी शिक्षकों का कहना है कि यह काफी सराहनीय ट्रांसफर नीति है जो शिक्षकों को उनके घर के करीब ला रही है.
नियोजित और बीपीएससी शिक्षकों में कोल्ड वार:नई ट्रांसफर नीति को लेकर सोशल मीडिया पर बीपीएससी शिक्षक और नियोजित शिक्षक आपस में आरोप लगा रहे हैं. बीपीएससी शिक्षक कह रहे हैं कि नई शिक्षक स्थानांतरण नीति बेहद शानदार है और इस शानदार नीति को रोकने के लिए नियोजित शिक्षक के संगठन राजनीति कर रहे हैं.
शिक्षा व्यवस्था चौपट करने का आरोप :बीपीएससी शिक्षक व्हाट्सएप पर अपने ग्रुप में मैसेज भेज कर नियोजित शिक्षकों पर विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का आरोप लगा रहे हैं. नियोजित शिक्षकों को कह रहे हैं कि यह लोग अपने घर के नजदीक रहकर हाजिरी बनाकर पूरे दिन अपने घर में पड़े रहते हैं. बीपीएससी शिक्षक नई स्थानांतरण नीति का हर मीडिया प्लेटफॉर्म पर पुरजोर समर्थन कर रहे हैं.
'सराहनीय है स्थानांतरण नीति' :बीपीएससी शिक्षकों के संगठन बिहार युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बताया कि नई शिक्षक स्थानांतरण नीति बहुत शानदार है. देशभर में यह अनोखा नियमावली है, जिसमें प्रोबेशन पीरियड में कार्य करने वाले शिक्षकों को स्थानांतरण में शामिल होने का मौका मिल रहा है.
''शुरुआत में हम लोगों को कहा गया था कि मेरिट के आधार पर पोस्टिंग होगी, लेकिन रेंडमाइजेशन तरीके से पोस्टिंग हो गई. ऐसे में बीपीएससी के तहत उन लोगों की पोस्टिंग घर से 200 से 400 किलोमीटर की दूरी पर हो गई. ऐसे में नई नियमावली से बीपीएससी शिक्षकों को घर के 20 से 40 किलोमीटर के दायरे के विद्यालय में काम करने का मौका मिलेगा.''-दीपांकर गौरव, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार युवा शिक्षक संघ
8 जिलों में शैक्षणिक अनुमंडल की आवश्यकता :दीपांकर गौरव ने कहा कि इस नियमावली में बस थोड़ी सुधार की आवश्यकता है. प्रदेश के 38 में से 8 जिले ऐसे हैं जहां सिर्फ एक अनुमंडल है. ऐसे में इन जिलों में शैक्षणिक अनुमंडल बनाकर शिक्षकों के स्थानांतरण का प्रबंध करना चाहिए.
''शिक्षा विभाग को छोड़कर सरकार में दूसरा कोई विभाग नहीं है जहां घर से इतने नजदीक लोगों को काम करने का मौका मिलता है. महिला शिक्षकों के लिए पंचायत से बाहर और पुरुष शिक्षकों के लिए अनुमंडल से बाहर की पोस्टिंग का वह पुरजोर समर्थन करते हैं.''-दीपांकर गौरव, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार युवा शिक्षक संघ