देहरादूनःभारतीय वन सेवा से जुड़े अधिकारियों को जिस सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक का इंतजार था, वह अब 26 जून को प्रस्तावित की गई है. इस बैठक में डीएफओ (डिवीजन फॉरेस्ट ऑफिसर) से लेकर पीसीसीएफ (प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट) रैंक तक के अफसरों के स्थानांतरण पर चर्चा की जाएगी. यह बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आहुत होनी है. जिसमें प्रमुख सचिव वन से लेकर प्रमुख वन संरक्षक हॉफ भी मौजूद रहेंगे. बोर्ड की बैठक में स्थानांतरण को लेकर जिन अधिकारियों के नाम पर चर्चा होनी है, उनकी प्रस्तावित सूची भी तैयार कर ली गई है.
उत्तराखंड वन विभाग में आईएफएस अधिकारियों के स्थानांतरण काफी समय से प्रत्याशित थे. प्रदेश में महकमे के कई महत्वपूर्ण पदों को लेकर बोर्ड की बैठक में चर्चा की जानी है. राज्य भर में करीब 10 डीएफओ के पदों को भरा जाना है. यह वह पद है जिनमें या तो प्रभारी के तौर पर किसी अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है या फिर अतिरिक्त चार्ज के रूप में फिलहाल व्यवस्था बनाई गई है. ऐसे में सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक के दौरान राज्य के कई प्रभागों में डीएफओ पद को लेकर नई तैनाती के लिए विचार होना है. इसके अलावा कुछ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट और चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट के पद भी खाली हैं जिन्हें बोर्ड की बैठक में चर्चा के लिए रखा जा सकता है.
प्रदेश में पीसीसीएफ रैंक पर पदोन्नत होने वाले अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है. लिहाजा, इस रैंक के अधिकारियों से जुड़े पदों को लेकर भी निर्णय होना है. पीसीसीएफ वन पंचायत पद पर भी किसी अधिकारी को जिम्मेदारी मिलना बाकी है. हाल ही में एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (APCCF) रैंक पर प्रमोट होने वाले अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारी दी जानी है और इस पर भी बोर्ड बैठक में विचार किया जाएगा. इनमें नरेश कुमार और निशांत वर्मा के नाम पर चर्चा संभव है. हालांकि मनोज चंद्रन के खिलाफ जांच गतिमान होने के चलते वह किसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से दूर ही रहेंगे.