दिल्ली: बिहार एनडीए में सीट बंटवारा हो चुका है और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को पांच सीटें मिली हैं. चिराग पासवान फिलहाल जमुई से सांसद हैं लेकिन हाजीपुर उनकी परंपरागत सीट है और इस सीट को लेकर ही चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग के बीच काफी गहरी खाई बन चुकी है. पशुपति पारस भी कई बार कह चुके हैं कि वो हाजीपुर से किसी भी हाल में चुनाव लड़ेंगे. वहीं चिराग पासवान ने भी चाचा को टक्कर देने का ऐलान कर दिया है.
'हाजीपुर से मैं ही चुनाव लड़ूंगा'- चिराग पासवान: दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा,"प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा चल रही है. कुछ नामों का सुझाव बिहार संसदीय बोर्ड द्वारा आया है उस पर भी चर्चा हुई है. हाजीपुर सीट से NDA के प्रत्याशी के रूप में मैं खुद चुनाव लड़ूंगा, जो कि मेरे पिता की 'कर्मभूमि' रही है.
"मेरे लिए ये राजनीतिक विषय नहीं है बल्कि पारिवारिक विषय भी है. ये ऐसे फैसले हैं जो राजनीतिक दृष्टि से पार्टी को और पारिवारिक दृष्टि से परिवार को लेना है. ये वो फैसले हैं जिसमें तकलीफ मेरी मां को, बहनों को,भाइयों, बुआ सबको होती है. पार्टी परिवार से अलग होने का फैसला तब भी उन्हीं (प्रिंस राज) का था और आज वापस जुड़ना चाहते हैं तो भी उन्हीं का फैसला होगा."-चिराग पासवान, LJP (रामविलास) अध्यक्ष
चिराग ने पूछा चाचा से सवाल: उनका (पशुपति कुमार पारस) (वहां से चुनाव लड़ने के लिए) स्वागत है. मैंने सभी चुनौतियों का बहादुरी से सामना किया है. मैं कभी किसी चुनौती से नहीं डरा. मैं इस चुनौती को भी स्वीकार करता हूं. ये फैसला चाचा जी ( पशुपति कुमार पारस) को ही लेना है. उन्होंने हमेशा कहा है कि वो राजनीति में अंतिम सांस तक पीएम मोदी के साथ रहेंगे. ऐसे में क्या वे एनडीए के 400 सीटों के जीतने के लक्ष्य में रोड़ा बनेंगे?