लखनऊ : सरकारी आदेश के बावजूद राजधानी की सड़कों, चौराहों पर बाल भिक्षावृत्ति कम नहीं हो रही है. अभी भी करीब 300 से 400 ऐसे बच्चे हैं जो रेस्क्यू नहीं किए गए हैं, जबकि इन बच्चों को चिन्हित करके स्कूलों में दाखिला करवाया जाना है. प्रदेश सरकार की ओर से अनाथ या आर्थिक रूप से कमजोर एकल अभिभावक वाले बच्चों के लिए 'स्पॉन्सरशिप योजना' शुरू की गई है.
बता दें कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए लागू की गई इस योजना में उन बच्चों को भी आच्छादित किया गया जो सड़कों और चौराहों पर भिक्षाटन करते हैं. इसे लेकर गत सप्ताह मंडलायुक्त ने फिर से आदेश दिया कि बेसहारा और भीख मांगने वाले बच्चों को गैर सरकारी संगठन की मदद लेकर स्कूल भेजा जाए. इन बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से भी जोड़ा जाए.
इतने विभागों की है जिम्मेदारी :स्पॉन्सरशिप योजना को अमली जामा पहनाने में कुल 11 सरकारी महकमें जिम्मेदार हैं. जिसमें शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, बाल विकास विभाग, नगर निगम, परिवीक्षा विभाग समेत स्वास्थ्य विभाग आदि का सहयोग लिया जाएगा. इसमें अहम भूमिका शिक्षा विभाग की होगी. एक गैर सरकारी संस्था के सर्वेक्षण में 5316 भिखारियों को चिन्हित किया गया था. इनमें से महिलाएं और बच्चों की संख्या सर्वाधिक बताई गई थी.
क्या है स्पॉन्सरशिप योजना :अनाथ या आर्थिक रूप से कमजोर एकल अभिभावक वाले बच्चों को सामान्य बच्चों जैसा भविष्य संवारने का उचित अवसर देने के लिए योगी सरकार ने "स्पॉन्सरशिप योजना" शुरू की है. इसमें बच्चों के पालन-पोषण और उनकी बेहतर शिक्षा के लिए प्रति माह 4 हजार रुपये दिए जाते हैं. इसके अंर्तगत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई हो या माता तलाकशुदा या परित्यक्ता हो. ऐसे बच्चे जिनके माता–पिता कोई गंभीर बीमारी से जूझ रहे हों, बेघर हों, प्राकृतिक आपदा के शिकार, बालश्रम, भिक्षावृत्ति, तस्करी से मुक्त कराए गए हों को इस योजना के तहत लिया गया है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी रामप्रवेश का कहना है कि इस बारे में नगर निगम के आयुक्त ही नोडल अधिकारी हैं. बच्चों को रेस्क्यू कराने की जिम्मेदारी उन्हीं की है. चिन्हित करके वो जिन बच्चों को देते हैं, हम लोग विद्यालयों में नाम लिखा देते हैं. कुछ गैर सरकारी संगठनों ने ऐसे बच्चों को स्कूलों में डाला भी है. मेरे पास जो जानकारी है उसके अनुसार करीब 300 से 400 ऐसे बच्चे हैं जो अभी भी रेस्क्यू नहीं किए गए हैं. जल्द ही उनका नाम भी स्कूलों में लिखवा दिया जाएगा.
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