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एत्मादपुर विधायक के साथ CM YOGI से मिले किसान, वार्ता के बाद आगरा में किसानों का धरना समाप्त - FARMERS PROTEST ENDS IN AGRA

आगरा में इनर रिंग रोड पर नौ दिन से धरने पर बैठे थे किसान.

विधायक के साथ CM YOGI से मिले किसान
विधायक के साथ CM YOGI से मिले किसान (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 6, 2025, 10:47 PM IST

आगरा : जिले में इनर रिंग रोड पर अपनी जमीन की वापसी को लेकर नौ दिन से धरने पर बैठे किसानों का सोमवार देर शाम धरना खत्म हो गया. आगरा के एत्मादपुर के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह के साथ किसानों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को लखनऊ में सीएम योगी से मिला. सीएम योगी से मुलाकात के बाद किसानों ने धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया.

धरने पर बैठे और रोड जाम किया : बता दें कि एडीए और अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन के बाद नौ दिन पहले ही किसान एकजुट होकर एक बार फिर सड़क पर उतर आए. मौजा रहनकलां व रायपुर के करीब 13 गावों के किसान अपनी 444 हेक्टेयर जमीन की वापसी के लिए इनर रिंग रोड पर पहुंच गए, जहां पर वह इनर रिंग की एक लेन पर धरने पर बैठ गए. जब किसानों की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने इनर रिंग रोड की दोनों लेन बंद कर दीं. जिससे यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस से आने जाने वाले वाहनों के पहिए रुक गए. जाम लग गया. जिस पर पुलिस और प्रशासन अधिकारियों ने बातचीत की. जिसके बाद किसानों ने जाम खोला. मगर, नौ दिन से इस सर्दी में किसान धरने पर बैठे हुए थे. कई बार प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की. मगर, बात नहीं बनी. किसान अपनी मांग पर अड़े रहे और धरना समाप्त नहीं किया था.

विधायक संग मिले सीएम से किसान : किसानों से कई बार क्षेत्रीय विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बात की. भाजपा डॉ. धर्मपाल सिंह और एमएलसी विजय शिवहरे के साथ किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को लखनऊ गया, जहां पर किसानों ने विधायक के साथ सीएम योगी से मुलाकात की. उन्हें अपनी समस्या बताई. कहा कि मुआवजा मिला नहीं और जमीन भी चली गई. सीएम योगी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा. इसके बाद ही किसानों से धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी.


अब धरना समाप्त : किसान नेता प्रदीप शर्मा ने बताया कि जिले में किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी मांगें जायज हैं. अब किसान भूमि की वापसी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिले हैं. सीएम योगी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जल्द ही किसानों की समस्या का निदान कर दिया जायेगा. इसलिए, धरना खत्म कर दिया गया है.

जानें कब क्या हुआ?

- वर्ष 2009 में इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने रायपुर और रहनकला गांव की 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया था. जिसमें कुछ किसानों को जमीन का मुआवजा मिल गया.

- अधिग्रहीत भूमि में से 444 हेक्टेयर भूमि के मालिक किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. जिसके लिए लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं.

- जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्किट हाउस में एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने किसानों की इस समस्या को उठाया था. जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने किसानों को चार गुना मुआवजा देने या भूमि वापस करने को कहा था.

- 2023 में तत्कालीन डीएम ने 11 सदस्यीय समिति गठित की. समिति ने किसानों को पुरानी दर से मुआवजा वितरित करने को उचित नहीं माना था. अंतर की धनराशि के लिए अनुग्रह धनराशि देने की मांग की गई थी.

- एडीए ने शासन को अनुग्रह धनराशि या भूमि छोड़ने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था. जिससे किसानों को सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जा सके. शासन से इस पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी गई.

- एडीए ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट भेज दी थी. किसानों को मुआवजा वितरित कर भूमि को लेने को व्यावहारिक माना था. इसके बाद एक बार फिर भूमि छोड़ने का प्रस्ताव भेज दिया. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में एयरपोर्ट अथॉरिटी से जमीन की मुवावजे की मांग को लेकर धरना दे रहे किसान की मौत - FARMERS PROTEST FOR COMPENSATION

आगरा : जिले में इनर रिंग रोड पर अपनी जमीन की वापसी को लेकर नौ दिन से धरने पर बैठे किसानों का सोमवार देर शाम धरना खत्म हो गया. आगरा के एत्मादपुर के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह के साथ किसानों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को लखनऊ में सीएम योगी से मिला. सीएम योगी से मुलाकात के बाद किसानों ने धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया.

धरने पर बैठे और रोड जाम किया : बता दें कि एडीए और अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन के बाद नौ दिन पहले ही किसान एकजुट होकर एक बार फिर सड़क पर उतर आए. मौजा रहनकलां व रायपुर के करीब 13 गावों के किसान अपनी 444 हेक्टेयर जमीन की वापसी के लिए इनर रिंग रोड पर पहुंच गए, जहां पर वह इनर रिंग की एक लेन पर धरने पर बैठ गए. जब किसानों की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने इनर रिंग रोड की दोनों लेन बंद कर दीं. जिससे यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस से आने जाने वाले वाहनों के पहिए रुक गए. जाम लग गया. जिस पर पुलिस और प्रशासन अधिकारियों ने बातचीत की. जिसके बाद किसानों ने जाम खोला. मगर, नौ दिन से इस सर्दी में किसान धरने पर बैठे हुए थे. कई बार प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की. मगर, बात नहीं बनी. किसान अपनी मांग पर अड़े रहे और धरना समाप्त नहीं किया था.

विधायक संग मिले सीएम से किसान : किसानों से कई बार क्षेत्रीय विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बात की. भाजपा डॉ. धर्मपाल सिंह और एमएलसी विजय शिवहरे के साथ किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को लखनऊ गया, जहां पर किसानों ने विधायक के साथ सीएम योगी से मुलाकात की. उन्हें अपनी समस्या बताई. कहा कि मुआवजा मिला नहीं और जमीन भी चली गई. सीएम योगी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा. इसके बाद ही किसानों से धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी.


अब धरना समाप्त : किसान नेता प्रदीप शर्मा ने बताया कि जिले में किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी मांगें जायज हैं. अब किसान भूमि की वापसी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिले हैं. सीएम योगी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जल्द ही किसानों की समस्या का निदान कर दिया जायेगा. इसलिए, धरना खत्म कर दिया गया है.

जानें कब क्या हुआ?

- वर्ष 2009 में इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने रायपुर और रहनकला गांव की 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया था. जिसमें कुछ किसानों को जमीन का मुआवजा मिल गया.

- अधिग्रहीत भूमि में से 444 हेक्टेयर भूमि के मालिक किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. जिसके लिए लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं.

- जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्किट हाउस में एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने किसानों की इस समस्या को उठाया था. जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने किसानों को चार गुना मुआवजा देने या भूमि वापस करने को कहा था.

- 2023 में तत्कालीन डीएम ने 11 सदस्यीय समिति गठित की. समिति ने किसानों को पुरानी दर से मुआवजा वितरित करने को उचित नहीं माना था. अंतर की धनराशि के लिए अनुग्रह धनराशि देने की मांग की गई थी.

- एडीए ने शासन को अनुग्रह धनराशि या भूमि छोड़ने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था. जिससे किसानों को सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जा सके. शासन से इस पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी गई.

- एडीए ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट भेज दी थी. किसानों को मुआवजा वितरित कर भूमि को लेने को व्यावहारिक माना था. इसके बाद एक बार फिर भूमि छोड़ने का प्रस्ताव भेज दिया. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में एयरपोर्ट अथॉरिटी से जमीन की मुवावजे की मांग को लेकर धरना दे रहे किसान की मौत - FARMERS PROTEST FOR COMPENSATION

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