कबीर संत समागम में विष्णु देव साय का बड़ा ऐलान, अब कबीर धर्म नगर के नाम से जाना जाएगा दामाखेड़ा - CM Sai reached Kabir Sant Samagam
Chief Minister Vishnu Dev मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सीएम बनने के बाद पहली बार बलौदा बाजार पहुंचे. सीएम ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब दामाखेड़ा का नाम कबीर धर्म नगर दामाखेडा होगा. participated in Kabir Sant Samagam
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार बलौदा बाजार पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार बलौदा बाजार पहुंचे सीएम
बलौदा बाजार:भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री पहली बार बलौदा बाजार दौरे पर पहुंचे. सीएम दामाखेडा आते ही ये ऐलान किया कि आज से दामाखेड़ा का नाम बदलकर कबीर धर्म नगर दामाखेड़ा किया जाएगा. सीएम ऐलान करते ही लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि दामाखेड़ा में दस किलोमीटर के भीतर को भी उद्योग धंधा नहीं लगाया जाएगा.
कबीर धर्म नगर दामाखेड़ा हुआ नाम: सीएम साय माघ पूर्णिमा के मौके पर आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध सतगुरु कबीर संत समागम मेले में शामिल होने पहुंचे थे. विष्णु देव साय के साथ कार्यक्रम में डिप्टी सीएम विजय शर्मा, सांसद सुनील सोनी और खाद्य मंत्री भी मौजूद रहे. सीएम ने जब मंच से दामाखेड़ा का नाम कबीर धर्म नगर दामाखेड़ा करने का ऐलान किया तो लोगों ने जमकर तालियां बजाई.
''आज आपके द्वार पर एक छोटे किसान का बेटा आया है. आपके आशीर्वाद से मैं मुख्यमंत्री बना मेरा सौभाग्य है कि मैं फिर से आपका आशीर्वाद लेने आया हूं. आपके ही आशीर्वाद से प्रदेश में विकास का काम आगे बढ़ेगा. आपके आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ राज्य की जनता की दुख तकलीफें हम दूर करेंगे.'' -विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
साय को किया गया सम्मानित: माघ मेले में प्रकाश मुनि साहेब ने सीएम साय को शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. मुनि साहेब ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा को भी सम्मानित किया. सीएम ने लोगों को भरोसा दिलाया कि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए दस किलोमीटर के क्षेत्र में किसी भी तरह का कल कारखाना नहीं खोला जाएगा. सीएम के ऐलान के बाद लोग काफी खुश नजर आए.
क्या है दामाखेड़ा का इतिहास:दामाखेड़ा का राजधानी रायपुर के करीब बलौदा बाजार जिले का इलाका है. दामाखेड़ा का अपना धार्मिक महत्व है. दामाखेड़ा इलाके में कबीरपंधी समाज के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं. कबीरपंथियों की आस्था का एक बड़ा केंद्र भी दामाखेड़ा रहा है. दुनियाभर से कबीर पंथी समाज के लोग दामाखेड़ा आते हैं और कबीरपंथ के 12वें गुरु अग्रदास स्वामी को याद करते हैं. दामाखेड़ा में गुरु अग्रदास स्वामी ने कबीर मठ की स्थापना की थी. मठ के पास ही कबीर कुटिया का भी निर्माण किया गया है. कबीर कुटिया के करीब भवनों पर कबीर के दोहे लिखे गए हैं जिसे पढ़ने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं.