मंडी:छोटी काशी मंडी में 8 फरवरीतारा रात्रि से बाबा भूतनाथ के श्रृंगार की रस्में में लगातार जारी है. माखन रूपी श्रृंगार के 14वें दिन बाबा भूतनाथ का नेपाल के काठमांडू स्थित आकाश भैरव के रूप में श्रृंगार किया गया. यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि मंदिर का निर्माण करीब 3500 साल पहले किया गया है.
मान्यता है कि आकाश भैरव का सर कई सौ साल पहले काठमांडू में खोदा गया था. आकाश भैरव को स्वयं किराती राजा यलंबर कहा जाता है. किंवदंती के अनुसार यलंबर इस राष्ट्र की स्थापना करने वाले पहले राजा थे और यहां तक कि पूर्व में तिस्ता और पश्चिम में त्रिशूली तक भी विस्तारित थे. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने तांत्रिक पूजा के माध्यम से शक्तियों को प्राप्त किया था.
महाभारत के प्रसिद्ध युद्ध के दौरान किरात वंश के पहले राजा यलंबर भैरव के भेष में हारने वाले दल की मदद के लिए युद्ध के मैदान में गए थे. इनका एक इतिहास राजस्थान के खाटू श्याम बर्बरीक के साथ भी जोड़ा जाता है. नेपाल के काठमांडू में स्थित आकाश भैरव के मंदिर में भी सिर की ही पूजा की जाती है.