WHITE PUMPKIN PROFITABLE FARMING: किसान पारंपरिक खेती छोड़कर नई तकनीक और मशीनरी के उपयोग कर खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं. सिर्फ 4 महीने में भूरे कद्दू जिसे कुम्हड़ा भी कहा जाता है इसकी खेती कर किसान लाखों रुपए कमा सकते हैं. छिंदवाड़ा में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए किसान 1 एकड़ खेत से डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे भूरे कद्दू की खेती करके आप ज्यादा पैदावार और मुनाफा कमा सकते हैं.
हल्दीराम कंपनी से किया कांट्रेक्ट, लाखों की कमाई
हल्दीराम कंपनी करीब 20 किसानों के माध्यम से भूरा कददू की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग जिले में कर रही है. जिसमें कंपनी द्वारा बीज एवं तकनीकी मार्गदर्शन देकर निश्चित कीमत पर कददू खरीदा जाता है. किसान संदीप रघुवंशी ने बताया कि ''एक एकड़ में लगभग 25-30 टन भूरा कद्दू की उपज प्राप्त हो रही है, जिसमें 40 से 50 हजार रूपये प्रति एकड़ लागत आती है. 120 दिन की फसल से लगभग 1.50 लाख रूपये प्रति एकड़ की बचत होती है.'' उन्होंने बताया कि वह 6 वर्ष से भूरे कद्दू की खेती की खेती कर रहे हैं.
सफेद कद्दू से बनाया जाता है पेठा और मिठाइयां
कुम्हरा को सफेद कद्दू कहा जाता है. इससे भारत में एक विशेष मिठाई पेठा बनाया जाता है. आगरा में इस मिठाई को एक अलग पहचान भी मिली है. आगरा का पेठा न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में मशहूर है. पेठे की मिठाई कई स्वाद और खुशबू में मिलती है, जिसमें से अंगूरी पेठा, नारियल पेठा, सूखा पेठा व काजू पेठा वगैरह इसकी कुछ खास वैरायटी होती हैं. सफेद कद्दू से रंग बिरंगी फ्रूटी भी बनाई जाती है. जिसका उपयोग आइसक्रीम में, मीठी ब्रेड़ बनाने, केक, शेक इत्यादि में किया जाता है. इसके अलावा, इससे सब्जी और हलवा भी बनाया जाता है. इसके बीज को ड्राय फ्रूट के रुप में भी उपयोग किया जाता है. PETHA PUMPKIN FARMING
घरेलू उपचार और आयुर्वेद के लिए भी है वरदान