छिंदवाड़ा। लंबी जांच के बाद जबलपुर ईओडब्ल्यू ने करोड़ों की जमीन कौड़ियों के दाम बेचने पर तात्कालीन बिशप सहित 5 के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जबलपुर फर्म एवं सोसायटी की अनुमति लिए बगैर आरोपियों ने करोड़ों की जमीन की बिक्री कर दी. आरोपियों ने ये जमीन फर्जीवाड़ा छिंदवाड़ा, सागर और अमरवाड़ा में किया.
कई जिलों में सामने आया जमीन फर्जीवाड़ा
सागर के खुरई मेंतात्कालीन बिशप ने 6 हजार वर्गफीट की जमीन बेची. जिसकी अनुमानित कीमत करीब 14 लाख रुपए थी लेकिन 12 लाख रुपए में राकेश राय नामक व्यक्ति को बेचा गया. बिशप ने अपनी पॉवर ऑफ अटॉर्नी अनिल मैथ्यूज और अनिल मार्टिन के नाम पर करके ये गड़बड़ी की.
अमरवाड़ा मेंभी वर्ष 2015 में 2800 वर्गफीट जमीन जिसकी कीमत करीब 41 लाख 65 हजार रुपए थी, उसे महज 5 लाख रुपए में बेच दिया गया. इसमें भी फर्म एवं सोसायटी से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. जमीन फर्जीवाड़े कातीसरा मामला भी अमरवाड़ाका ही है, यहां की 1600 वर्गफीट जमीन साल 2018 में महज 2 लाख 10 हजार में बेच दी गई जबकि जमीन की कीमत इससे कहीं ज्यादा थी. आरोपियों ने जमीन की चौथी गड़बड़ी को छिंदवाड़ा मेंअंजाम दिया. यहां पर नागपुर रोड के फॉरेस्ट नाके के पास की 1200 वर्गफीट जमीन 2007 में अशोक चौकसे को बेच दी गई. कमलकांत राठी ने फर्जी दस्तावेज के जरिए ये जमीन 6 लाख 16 हजार रुपए में अशोक चौकसे को बिक्री की थी.
इवेंजेलिकल लूथरन चर्च के नाम हैं सभी जमीन
ईओडब्ल्यू के मुताबिक जमीन से जुड़ा ये घोटाला तकरीबन एक करोड़ 11 लाख 95 हजार रुपए का है. जमीन के मूल्य का आंकलन कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक किया गया है. जमीनों की वर्तमान लोकेशन के मुताबिक इन जमीनों की कीमत इससे कहीं ज्यादा है. सरकारी दस्तावेजों में सभी जमीन इवेंजेलिकल लूथरन चर्च (Evangelical Lutheran Church) के नाम पर दर्ज है. इन जमीनों की बिक्री के पहले फर्म एवं सोसायटी जबलपुर की अनुमति लेना अनिवार्य है लेकिन सभी 6 आरोपियों ने नियमों को दरकिनार कर फर्जी दस्तावेज और पॉवर ऑफ अटर्नी के आधार पर इस जमीन फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.
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