रायपुर: गणतंत्र दिवस परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी को इस बार लोगों ने जमकर सराहा. कर्तव्य पथ पर जैसे ही छत्तीसगढ़ की झांकी निकली वैसे ही लोगों ने तालियों के साथ इसका जोरदार स्वागत किया. छत्तीसगढ़ की झांकी इस बार बस्तर की आदिम जन संसद यानि मुरिया दरबार पर आधारित थी. झांकी में मुरिया दरबार को दिखाया गया था. झांकी के जरिए बस्तर के आदिम जाति और जनजातियों के जीवन की सामाजिक चेतना को दिखाने का काम किया गया. झांकी में जनजातीय समाज में आदिम काल में मौजूद लोकतांत्रिक चेतना के प्रमाणों को दिखाने की कोशिश की गई. मुरिया दरबार और बड़े डोंगरे के लिमऊ राजा पर केंद्रित इस झांकी को लोगों ने खूब पसंद किया.
नजर आई छत्तीसगढ़ की संस्कृति: छत्तीसगढ़ी लोक-संगीत से सजी इस झांकी में परब नृत्य करती जब युवतियां निकलीं तो तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने किया. झांकी को छत्तीसगढ़ी थीम पर जनजातीय शिल्पों से सजाया गया था. झांकी को सजाने के लिए बेलमेटल और टेराकोटा जैसे आकर्षक चीजों का इस्तेमाल किया गया था. लोगों ने छत्तीसगढ़ की झांकी को काफी पसंद भी किया.