रायपुर में एसयूसीआई का एक दिवसीय प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों ने की 16 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग - Chhattisgarh SUCI protest in Raipur - CHHATTISGARH SUCI PROTEST IN RAIPUR
रायपुर में एसयूसीआई ने मगलवार को एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 16 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग की. साथ ही कांग्रेस पर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को न उठाने का आरोप लगाया.
रायपुर में एसयूसीआई का एक दिवसीय प्रदर्शन (ETV Bharat)
रायपुर:रायपुर के गांधी चौक पर बुधवार को सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया ने 16 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य स्तर पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया है. 16 सूत्रीय मांगों में महंगाई, बेरोजगारी, मजदूरों का शोषण, शिक्षा स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने, 4000 से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद करने जैसी समस्याएं शामिल है. इसके साथ ही प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.
कांग्रेस अपने प्रदर्शन में महंगाई की बात नहीं उठाती: विरोध प्रदर्शन के दौरान सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया के सचिव विश्वजीत हरोडे ने कहा कि, "प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी, मजदूरों का शोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण सहित 16 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन किया गया है. 1 साल पहले कांग्रेस सत्ता में थी. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के समय कई सालों तक कांग्रेस केंद्र में सत्ता में रही है. कांग्रेस इन चीजों को ठीक कर सकती थी. कांग्रेस प्रदेश में विपक्ष में रहकर आम जनता से जुड़े हुए मुद्दों को नहीं उठा रही है. कांग्रेस अपने प्रदर्शन में महंगाई और बेरोजगारी की बात नहीं उठाती है.
"तमाम सरकारी क्षेत्र में निजीकरण हो रहा है, इसकी शुरुआत कांग्रेस ने 1991 में शुरू की थी. हमारी 16 सूत्रीय मांग है.अगर यह पूरी नहीं होती है तो जनता की हालत और भी खराब हो जाएगी. इसमें महंगाई, बेरोजगारी, मजदूरों के शोषण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने सहित 4000 से अधिक सरकारी स्कूल को बंद करने जैसी समस्या के साथ ही प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और यौन उत्पीड़न की घटनाएं शामिल है." -विश्वजीत हरोडे, सचिव, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया
ये भी है प्रदर्शनकारियों की मांगें:-
सरकारी विभागों में खाली पद भरे जाएं
पुरानी सभी भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट निकालकर नियुक्ति दी जाए.
सभी प्रकार के अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए.
किसानों की उपज को समर्थन मूल्य में खरीदने की गारंटी दी जाए.
सरकारी अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति की जाए.
स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
महिलाओं पर हो रहे अपराध और बलात्कार को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं.
बिजली संशोधन कानून वापस लिया जाए और प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाना बंद किया जाए.