रायपुर :छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है.जिन छह सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा हुई है उनमें दो सीट सामान्य हैं.जबकि 4 सीटें आरक्षित हैं. कांग्रेस प्रत्याशियों की यदि बात करें को राजनांदगांव से पूर्व सीएम भूपेश बघेल, महासमुंद से ताम्रध्वज साहू, जांजगीर चांपा से शिव डहरिया, दुर्ग से राजेंद्र साहू, कोरबा से ज्योत्सना महंत और रायपुर से विकास उपाध्याय को टिकट दिया गया है.आईए आपको बताते हैं इन छह सीटों पर मौजूदा समय में क्या है समीकरण
राजनांदगांव लोकसभा में मुकाबला हुआ दिलचस्प :राजनांदगांंव लोकसभा सीट से इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मुकाबला मौजूदा सांसद संतोष पाण्डेय से होगा. 2023 के विधानसभा चुनाव नतीजों को देखें तो राजनांदगांव क्षेत्र की विधानसभा सीटों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है. इस लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा आते हैं. आठ विधानसभा में से 5 सीटों खैरागढ़, मोहला मानपुर, डोंगरगढ़, खुज्जी और डोंगरगांव पर कांग्रेस का कब्जा है.वहीं तीन सीट राजनांदगांव, कवर्धा और पंडरिया बीजेपी के कब्जे में हैं.
राजनांदगांव लोकसभा सीट का समीकरण :राजनांदगांव लोकसभा सीट पर बीजेपी के संतोष पांडेय सांसद हैं. बीजेपी ने इस बार संतोष पाण्डेय को ही प्रत्याशी बनाया है. लेकिन यदि जातिगत समीकरण की बात करें तो ये क्षेत्र ओबीसी बाहुल्य है. विधानसभा नतीजों के हिसाब से ये सीट कांग्रेस के लिए ओबीसी कैंडिडेट के लिए सुरक्षित है. इसलिए कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी भूपेश बघेल को बनाया है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल मौजूदा समय में ओबीसी वर्ग का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं.यही वजह है कि कांग्रेस भूपेश बघेल की लोकप्रियता को भुनाना चाहती है. वहीं बीजेपी ने एक बार फिर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार पर भरोसा जताया है.
दुर्ग लोकसभा में वर्चस्व की होगी लड़ाई:दुर्ग लोकसभा सीट की यदि बात करें इस बार बीजेपी ने यहां से मौजूदा सांसद विजय बघेल पर फिर से भरोसा जताया है.वहीं कांग्रेस ने युवा नेता राजेंद्र साहू को मैदान में उतारा है.इस लोकसभा सीट की बात करें तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था.इस लिहाज से देखा जाए तो दुर्ग लोकसभा में बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है.इस लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, भिलाई नगर, वैशाली नगर, पाटन, अहिवारा, नवागढ़, बेमेतरा और साजा है. दो सीट नवागढ़ और अहिवारा रिजर्व कैटेगिरी में आती है. विधानसभा सीटों की बात करें तो पाटन और भिलाई नगर सीट पर ही कांग्रेस का कब्जा है.
दुर्ग लोकसभा सीट का समीकरण :दुर्ग लोकसभा सीट की बात करें तो यहां साहू और कुर्मी वोटर्स ज्यादा हैं. साल 2014 में ताम्रध्वज साहू ने कांग्रेस विरोधी लहर में इस सीट पर विजय पताका लहराया था.इसके बाद साल 2019 में कांग्रेस ने यहां से कुर्मी प्रत्याशी प्रतिमा चंद्राकर को टिकट दिया.लेकिन प्रतिमा चुनाव हार गईं. इस संसदीय सीट पर जातीय समीकरण के साथ-साथ नेताओं की आपसी रिश्तेदारी के कारण उम्मीदवारों की जीत और हार तय होती है.पिछले लोकसभा चुनाव में विजय बघेल और प्रतिमा चंद्राकर के बीच दूर की रिश्तेदारी सामने आई थी.जिसमें फायदा बीजेपी को हुआ.
कोरबा लोकसभा में दो दिग्गज महिलाओं की टक्कर :कोरबा लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. यहां से ज्योत्सना महंत चुनाव जीतने के बाद लोकसभा पहुंची. कोरबा लोकसभा उन सीटों में से एक थी, जहां मोदी लहर का असर नहीं हुआ.जनता ने कांग्रेस को दिल खोलकर वोट दिया.इस बार इस सीट पर कांग्रेस ने ज्योत्सना महंत को रिपीट किया है. ज्योत्सना कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत की पत्नी हैं. 2019 में ज्योत्सना महंत ने बीजेपी के ज्योतिनंद दुबे को हराया था. इस बार बीजेपी ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को प्रत्याशी बनाया है. पहली बार कोरबा में दो महिलाएं आमने- सामने होंगी.
कोरबा लोकसभा सीट का समीकरण :कोरबा लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें कोरबा ,कटघोरा, रामपुर, पाली तनाखार सीट, भरतपुर-सोनहत, बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़ सीट और मरवाही विधानसभा सीट आती है.2023 के विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली आठों विधानसभा में से 6 पर बीजेपी का कब्जा है.एक विधानसभा रामपुर कांग्रेस और पाली तानाखार सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कब्जे में हैं.
जांजगीर चांपा में जातिगत समीकरण करता है काम :कांग्रेस पार्टी ने जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया को प्रत्याशी बनाया है. डॉ.शिवकुमार डहरिया को 2 लाख रिकॉर्ड मतों से 2009 की लोकसभा की चुनाव में कमला देवी पाटले ने हराया था. इस बार बीजेपी के महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े और पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री का सीधा मुकाबला होगा.