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ध्वनि प्रदूषण मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट नाराज, कहा- सरकार का आदेश सिर्फ कागजों तक

Chhattisgarh High Court छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण मामले में सरकार से नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि सरकार का काम है नियमों का पालन कराया जाए लेकिन सरकार इस पर कोई काम नहीं कर रही है.

Chhattisgarh High Court
ध्वनि प्रदूषण

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 6, 2024, 1:39 PM IST

बिलासपुर:लगातार बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया. ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई.

अधिसूचना के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई:छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 नवंबर 2019 को हर साउंड सिस्टम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए साउंड लिमिटेड लगाना अनिवार्य किया है. अधिसूचना के अनुसार कोई भी निर्माता, व्यापारी, दुकानदार, एजेंसी साउंड सिस्टम या पब्लिक एड्रेस सिस्टम को बिना साउंड लिमिटेड के विक्रय क्रय, उपयोग या इंस्टॉल नहीं कर सकता और ना ही किराए पर दे सकता है. लेकिन इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.

कोर्ट ने सरकार से जताई नाराजगी: याचिका पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने सरकार पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि राज्य शासन का सारा आदेश कागजों में ही रहता है. कोर्ट ने मुख्य सचिव से शपथ पत्र मांगा है कि इस अधिसूचना का पालन सभ्यता और भावना अनुरुप क्यों नहीं किया गया है. बता दें अधिसूचना के अनुरूप पुलिस प्राधिकारी, नगर पालिका निगम, नगर पालिक परिषद, नगर पंचायत यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ध्वनि प्रणाली या लोक संबोधन प्रणाली ध्वनि सिमट लगाए बिना किसी भी शासकीय, गैर शासकीय कार्यक्रम में स्थापित नहीं किया जाएगा या किराए पर नहीं दिए जाएंगे. याचिका में अगली सुनवाई 23 फरवरी को रखी गई है.

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