छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

पत्नी का घर के अलग कमरे में सोना पति के साथ मानसिक क्रूरता: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट - Chhattisgarh high court

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के एक फैसले पीड़ित पति को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ''बिना किसी पर्याप्त कारण के पत्नी अलग कमरे में रहती है ये पति के लिए मानसिक क्रूरता है.''

mental cruelty to husband
पीड़ित पति को बड़ी राहत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 25, 2024, 9:57 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम केस की सुनवाई की करते हुए पति के पक्ष में फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि ''एक ही छत के नीचे साथ साथ रहने के बाद भी किसी पर्याप्त कारण के बिना पत्नी का घर के अलग कमरे में रहना पति के प्रति मानसिक क्रूरता है.'' डिवीजन बेंच ने बेमेतरा के फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए पति को तलाक की डिक्री को मंजूरी दे दी. पति पत्नी के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा था. विवाद को सुलझाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो चुकी थी. फैमिली कोर्ट से मामला हाई कोर्ट पहुंचा था.

'पति के साथ है ये मानसिक क्रूरता': सुनवाई के दौरान फैमिली कोर्ट ने पति की याचिका को स्वीकार करते हुए तलाक की डिक्री को मंजूर करते हुए विवाह विच्छेद की अनुमति दी. जिसके बाद नाराज पत्नी ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने पाया कि पत्नी के व्यवहार के कारण साथ रहना संभव नहीं, इसलिए पत्नी की याचिका खारिज कर दी.

पति पत्नी के बीच कैसे शुरु हुआ विवाद: शादी के बाद से ही पति पत्नी के बीच छोटी छोटी बातों को लेकर विवाद शुरु हो गया. परिवार वालों ने हस्तक्षेप कर विवाद को खत्म करने की कोशिश की. विवाद खत्म होने के बजाए दिनों दिन विवाद बढ़ता ही चला गया. बाद में महिला ने अपने पति के साथ रहने से ही इनकार कर दिया. विवाद जब ज्यादा बढ़ गया तो परिवार वालों ने सामाज की बैठक बुलाई. सामाजिक बैठक के बाद भी कोई हल विवाद को लेकर नहीं निकला. पति और पत्नी एक ही घर में रहते हुए अलग अलग रहने लगे.

नाराज पति तलाक के लिए पहुंचा कोर्ट: बीवी के साथ वैवाहिक जीवन नहीं गुजार पाने के चलते पति ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13 के तहत तलाक की डिक्री के लिए फैमिली कोर्ट में मामला दायर किया. पत्नी ने अपने लिखित बयान में आरोपों से इनकार कर दिया. बीवी ने पति का मामला खारिज करने की मांग भी की. पत्नी ने कोर्ट को बताया कि ''शादी की रात उनके शारीरिक संबंध बने. शादी के बाद अक्टूबर 2021 तक पति के साथ उसने अच्छे माहौल में शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन बिताया''.

कोर्ट में पत्नी ने रखी दलील: फैमिली कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी ने कहा कि ''पति का ममेरी बहन के साथ व्यवहार पसंद नहीं आया.'' पर सुनवाई के दौरान पत्नी कोर्ट को ये नहीं बता सकी कि ''पति का ममेरी बहन के साथ कौन सा व्यवहार पसंद नहीं आया''. पति ने कोर्ट को बताया कि ''पत्नी को उसकी भाभी के साथ भी संबंधों पर संदेह था''. पति ने कोर्ट में कहा कि'' ऐसे आरोप किसी सभ्य व्यक्ति के लिए सहन करने योग्य नहीं हैं''.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज एंट्री लेवल के लिए सिलेबस में किया बदलाव - syllabus for Dist Judge Entry Level
हाथियों की मौत पर बिलासपुर हाईकोर्ट सख्त, कहा- वाइल्डलाइफ को नहीं बचाएंगे तो गए काम से - Bilaspur High Court strict
बिलासपुर हाईकोर्ट में परिसीमन विवाद पर सुनवाई, दोनों पक्षों ने दिए अपने तर्क - Hearing regards delimitation

ABOUT THE AUTHOR

...view details