कोरबा: छत्तीसगढ़ में अब आयुष्मान कार्ड बनाने का काम शिक्षकों को दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने एक मोबाइल एप जारी किया है. शिक्षकों को यह एप उनके मोबाइल में इंस्टॉल करने के लिए कहा गया है. इसी एप के जरिए शिक्षक डिटेल्स आयुष्मान कार्ड के वेबसाइट पर फीड करेंगे. फिर वहीं से आयुष्मान कार्ड जारी करेंगे. कोरबा जिले के ज्यादातर स्कूलों में इसका काम शुरू हो चुका है.
आयुष्मान कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज: आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड सबसे जरूरी दस्तावेज है. राशन कार्ड के साथ अपना आधार कार्ड ले जाने पर स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान कार्ड बन जाता है.
निजी अस्पताल में भी काउंटर, अब सरकारी शिक्षकों को जिम्मेदारी: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परमानेंट आयुष्मान कार्ड काउंटर है. यहां से लोग आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं. वहीं निजी अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को तत्काल आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा दी जाती है. निजी अस्पतालों में इसके लिए एक काउंटर मौजूद रहता है. लेकिन अब आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है. शासन के आदेश के बाद शिक्षकों ने काम करना भी शुरू कर दिया है.
आयुष्मान कार्ड बनाने अभिभावकों को फोन कर बुला रहे: शासकीय प्राथमिक शाला अंधरिकाछार में पदस्थ शिक्षिका कीर्ति एक्का कहती हैं कि ''हमें आयुष्मान कार्ड बनाने का काम सौंपा गया है. इसके लिए हम बच्चों को उनके आधार कार्ड और राशन कार्ड साथ लाने को कहते हैं. उनके अभिभावकों को भी फोन करके बुला रहे हैं ताकि सभी का आयुष्मान कार्ड बनाया जा सके.''
शिक्षकों को हो रही ये दिक्कतें:शिक्षिका कीर्ति एक्का कहती हैं कि ''समस्या यह भी आ रही है कि कई बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है. आधार कार्ड बना भी है तो उनके नाम राशन कार्ड में ऐड नहीं हुए हैं. ऐसे में हम उनसे नाम राशन कार्ड में जुड़वा कर आने को कह रहे हैं ताकि आयुष्मान कार्ड की प्रक्रिया को पूरा कर उनका कार्ड बनाया जा सके.''