छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा बेचारा बेचारी का मुद्दा, महंत ने चंद्राकर पर उठाए सवाल, टोप्पो ने मांझी जाति की उठाई पीड़ा
Chhattisgarh Budget Session 2024 छत्तीसगढ़ विधानसभा में समर्थन मूल्य पर चना खरीदी, और मांझी जाति का प्रमाण पत्र नहीं बनने पर सवाल जवाब हुए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष और अजय चंद्राकर के बीच हल्की नोंक झोंक भी हुई.
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में सबसे पहला सवाल कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने पूछा. विधायक ने सवाल किया कि कब रकबा वाले दलहन तिलहन की खरीदी की जा रही है तो चना को समर्थन मूल्य में खरीदने की क्या व्यवस्था की गई है.
विधायक के प्रश्न पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब दिया कि "चने की बाजार दर समर्थन मूल्य से ज्यादा है इसलिए चना को खरीदने की जरूरत नहीं है." मंत्री के जवाब के बाद विधायक अजय चंद्राकर बीच में बोलने लगे और कहने लगे कि- " पूर्ववर्ती सरकार ने समर्थन मूल्य पर रबी फसल खरीदने की घोषणा की थी, फिर आपकी सरकार ने क्यों रबी फसल नहीं खरीदा." इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा- "अजय चंद्राकर हर प्रश्नकर्ता को उलझाते हैं. अभी की बात हो रही है पिछले पांच साल की बात नहीं हो रही है." इस पर चंद्राकर ने कहा- "मैं आपका सम्मान करते हुए सिर्फ याद दिलाने की कोशिश कर रहा हूं." इस पर महंत ने कहा- "आप मुझे याद दिला दीजिए, उन बेचारों को क्यों परेशान कर रहे हैं."
विधायक संगीता सिन्हा ने दलहन तिलहन के खरीदी केंद्रों के बारे में पूछा- इस पर मंत्री अग्रवाल ने जवाब दिया कि "20 जिलों में धान खरीदी केंद्रों के जरिए कोई यदि दलहन तिलहन बेचने आता है तो हम उसे खरीदने के लिए तैयार है."
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बेचारा बेचारी की गूंज:इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने अजय चंद्राकर पर विधायक संगीता सिन्हा को बेचारी और उन्हें बेचारा कहने का आरोप लगाया. इस पर चंद्राकर ने जवाब दिया- "आपने कहा बेचारों को मत उलझाओं, इस पर मैंने कहा कि वह बेचारा नहीं है बेचारी है." इस पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा -"किसी ने भी कहा हो इसे विलोपित किया जाता है."
मांझी जाति का प्रमाण पत्र नहीं बनने का मुद्दा:अगला सवाल सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने किया. टोप्पो ने पूछा-" सरगुजा संभाग में मांझी समाज के जाति प्रमाण पत्र में मात्रात्मक त्रुटि के कारण उनकी जाति नहीं बन पा रही है तो इसके लिए क्या कोई गाइ़ड लाइन्स जारी किया गया है. "?
इस सवाल पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब दिया कि "केंद्रीय जनजाति कार्य कार्यालय को इस बारे में पत्र भेजने की कार्रवाई कर रहे हैं." टोप्पो ने फिर सवाल किया- उन्होंने पूछा- "मांझी जनजाति के लोगों की स्थिति दयनीय है. एक 10साल के मांझी जाति के बच्चे ने कहा था कि जाति प्रमाण पत्र नहीं बना है तो स्कूल जाकर क्या करूं. ?" इस सवाल पर अग्रवाल ने जवाब दिया. " केंद्र सरकार ने 12 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया. केंद्र सरकार इस मामले में संवेदनशील है. विष्णुदेव सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है. विधायक जी का सवाल स्वाभाविक है. हमारी कोशिश है कि इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई होगी."
अग्रवाल के जवाब के बाद चरण दास महंत ने कहा-"प्रदेश में कई ऐसी जातियां है जिन्हें मात्रात्मक त्रुटि के कारण उन्हें एसटी एससी का प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है. इसके लिए आप केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसका प्रस्ताव भेजा जाए." इस पर जवाब देते हुए मंत्री ने कहा -"आप खुद केंद्र में मंत्री रह चुके हैं ऐसे में आपको पता है कि इसकी प्रक्रिया क्या है."
इस बीच चंद्राकर ने एक बार फिर बेचारा बेचारी का मुद्दा उठाया. मंत्री ने जवाब दिया कि "इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने महंत से सूची देने की मांग की, जिस पर महंत ने कहा- "जरूर भिजवा दूंगा. इसी सदन में मेरी जाति को आदिवासी में शामिल करने की मांग की गई है. उसे भी देख लीजिए."