रायपुर: पिछले कुछ दिनों से लगातार मोवा ओवर ब्रिज की सड़क का हाल मीडिया में सुर्खियों पर था. इस पर संज्ञान लेने छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और पीडब्लूयडी मंत्री अरुण साव शुक्रवार को अचानक रायपुर के मोवा ओवर ब्रिज पहुंच गए. ओवर ब्रिज पर बने डामरीकरण का हाल देखकर अरुण साव ने गहरी नारजगी जताई. संबंधित ठेकेदार और इंजीनियर्स को सख्त चेतावनी दी.
अरुण साव ने 3 दिन में मांगी मोवा ओवर ब्रिज की रिपोर्ट: डिप्टी सीएम अरुण साव ने पहले तो खुद ही मोवा ओवर ब्रिज पर बने डामर की क्वॉलिटी चेक की. उसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों से पूछा-" कौन है कॉन्ट्रेक्टर, ऐसे ही काम करते हैं क्या? फिर कैसे हो गया. टेम्परेचर ज्यादा है कम है, कौन देखता है आपका काम. शहर के प्राइम लोकेशन, राजधानी की प्रमुख जगह पर काम में ऐसी लापरवाही, कौन है एक्ज्यूक्यूटिव इंजीनियर, कैसे भई ऐसे ही काम कराते हैं क्या ? काम करने का मन है कि नहीं है. आपके प्लांट में कुछ चेक होता है, यानी बिना चेक किए मटेरियल चेक होता है."
"एक्ज्यूक्यूटिव इंजीनियर साहब काम करना आता है कि नहीं, तीन दिन में जांच करके रिपोर्ट भेजिए. 1 रुपये का पेमेंट नहीं होगा. यदि पेमेंट किया गया तो आपकी सैलरी से जाएगा."-अरुण साव, डिप्टी सीएम
पेमेंट करने पर अधिकारियों की कटेगी सैलरी: डिप्टी सीएम साव ने कहा कि सुशासन की सरकार में अनियमितता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने ठेकेदार को मरम्मत कार्य का एक रुपए भी भुगतान नहीं करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऐसा किए जाने पर अधिकारियों के वेतन से भरपाई की जाएगी. साव के मरम्मत कार्य के निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह और प्रमुख अभियंता के.के. पीपरी भी मौजूद रहे. साव ने सख्त लहजे में कहा कि गुणवत्ताहीन कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारी को नहीं बख्शेंगे, जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी.
लोक निर्माण विभाग ने तत्काल जारी किए जांच के आदेश: डिप्टी सीएम अरुण साव के सख्त निर्देश के बाद लोक निर्माण विभाग ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. ओवर ब्रिज की मरम्मत में घोर लापरवाही, डामरीकरण कार्य में खराबी आने के जिम्मेदार अधिकारियों की जांच मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों कराई जा रही है. तीन दिनों में रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने को कहा है.