छत्तीसगढ़ के 1223 गांवों पर बाढ़ का खतरा, 24 घंटे कंट्रोल रूम शुरू - CG Villages At Risk Of Flood
FLOOD ALERT CHHATTISGARH, Chhattisgarh Monsoon, Chhattisgarh Rain छत्तीसगढ़ में 26 जून से मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा. 26 जून से प्रदेश के कई इलाकों में मध्यम के साथ भारी बारिश का अलर्ट पहले से ही मौसम विभाग ने दे दिया है. इस बार मानसून अच्छा रहने के संकेत भी मौसम विभाग की तरफ से दिया गया है. ऐसे में भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पहले से ही सरकार की तरफ से तैयारी कर ली गई है. बाढ़ की जद में आने वाले 22 जिलों के 1223 गांवों के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.
रायपुर:छत्तीसगढ़ में मानसून के सक्रिय होते ही पूरे छत्तीसगढ़ की 52 नदियों और 23 नालों के किनारे बसे गांवों का सर्वे किया गया है. जिसमें 22 जिले के 1223 गांव बाढ़ और आपदा की जद में है. इन सभी गांव के लोगों को बाढ़ और आपदा से बचाने के लिए सरकार ने जरूरी तैयारी शुरू कर दी है. राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम रायपुर के गांधी चौक में बनाया गया है. 24 घंटे ये कंट्रोल रूम चालू रहेगा. सरकार की तरफ से कंट्रोल रूम से जुड़ने के लिए फोन नंबर0771-2223471 भी जारी किया गया है.
छत्तीसगढ़ में बाढ़ को लेकर तैयारी:राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को राज्य की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के कुल 22 जिलों के 1223 गांव बाढ़ की जद में है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजी गई रिपोर्ट में सरकार की तरफ से यह बात कही गई है कि सभी नई तहसीलों में वर्षा मापक यंत्र लगाए जा रहे हैं. पहले से लगे यंत्रों की मरम्मती करवाई जा रही है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां पर पहुंचने के रास्ते कम पड़ जाते हैं वहां खाद्य सामग्री, नमक, केरोसिन, जीवन रक्षक दवा का भंडारण किया जा रहा है. वहीं पीने के पानी के लिए हैंडपंपों में ब्लीचिंग पाउडर डाला जा रहा है.
बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बनाए जा रहे राहत कैंप: बाढ़ की आशंका वाले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए अस्थायी कैंप बनाए जा रहे है. यहां ठहरने वाले लोगों के लिए भोजन के इंतजाम की भी व्यवस्था की जा रही है. ऐसे जिलों की भी संख्या बनाई गई है जहां मोटर वोट की जरूरत पड़ेगी ताकि जरूरत पड़ने पर वाहन मोटर बोर्ड से प्रशिक्षित लोगों को रवाना किया जा सके.
छत्तीसगढ़ के बाढ़ प्रभावित 23 जिलों के 1223 गांवों में तैयारी
रायपुर के खारून और महानदी पर कुल 54 गांव ऐसे हैं जो बाढ़ की जद में हैं. यहां बाढ़ का खतरा रहता है. यहां पर आपदा प्रबंधन और राहत बचाव कार्य के लिए काम किया जा रहा है.
दुर्ग जिले में शिवनाथ, अमनेर, सुराही के किनारे 78 गांव ऐसे हैं जहां पर बाढ़ का खतरा है.
जांजगीर चांपा जिले के कांजी, घंटी नाल, महानदी, लीलागर, मांड, बोराई हसदेव नदी और सोन नदी पर 69 गांव ऐसे हैं जहां बाढ़ का खतरा है.
कबीरधाम में सकरी फोक, हाफ सिल्हट नदी, उड़िया, सहसपुर, बेलहरी, करा, बाढ़ निस्तारी नल और नाला भाखरी पाट पर स्थित 73 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है.
बस्तर जिले में भास्कली नदी, इंद्रावती नदी, नारंगी नदी, मारकंडी नदी पर 53 गांव ऐसे हैं जिनपर बाढ़ का खतरा है.
बीजापुर में मिनगाचल, चोपपाल, चितवागू, इंद्रावती, बेरुदी, मरी नदी, गणेश बाहर नाल, अंबोली, ताल पेरू, सूत्रपराल, दड़प, तालाब बेस्टवेयर, जल्लबागू और गोदावरी नदी पर 104 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है.
कांकेर में दूध नदी, चिनार नदी, महानदी, खंडी नदी, कोडारी नदी, मेड़की नदी पर स्थित 78 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है.
सुकमा में कोडरी नदी, शबरी नदी, मालगेरा, बारूनदी पर स्थित 43 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है.
दंतेवाड़ा में शंखनी, डंकनी, इंद्रावती और तुमनार नदी पर स्थित 17 गांवों पर बाढ़ का खतरा.
बलौदा बाजार में खोरसी नाल, जमानईया नाल, महानदी, शिवनाथ जोंक नदी, अमली दरहा पर 95 गांव ऐसे हैं जो बाढ़ की जद में है.
कोरबा में लीलागर, सोन, अहिरन, तान, कौहा, हसदेव नदी पर 16 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा.
बालोद में सिमरिया नाला, देवरानी जेठानी नाला, तांदुला नदी, केरी जुंगेला और खाखरा नदी पर स्थित 36 37 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है.
गरियाबंद में पैरा नदी, सूखा नाला, घुंघाटी नाला, महानदी, कुल्हाड़ी घाट, तेल, सिंढूर नाला पर 54 गांव बाढ़ की जद में.
बेमेतरा में शिवनाथ, फोक, हॉफ नदी, खारून नदी, लोर, डोटू, कर्रा नदी, सुरही नदी पर स्थित 65 गांव ऐसे हैं जिनपर बाढ़ का खतरा
बिलासपुर में शिवनाथ, नर्मदा, मनियारी, कारूहा, बरदही, मनियारी, गोकने नाला और अरपा नदी पर 27 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है.
महासमुंद में महानदी पर 80 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है.
धमतरी में महानदी, पैरी नदी, सोढूर नदी, खारून नदी पर स्थित 78 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा.
सूरजपुर में महान नदी, बांकी नदी और अंधरुआ नाला पर चार गांव ऐसे हैं जो बाढ़ के खतरे में है.
कोंडागांव में भंवर डीह नदी पर स्थित गांव बाढ़ के खतरे में है
मुंगेली में मनियारी, आगर, टेसुआ शिवनाथ, मोहपाड़ के 71 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है
राजनांदगांव में शिवनाथ, साल्हे. बड़ोंक, कुसुमकसा के 44 गांव हैं जिन पर बाढ़ का खतरा है
रायगढ़ में महानदी किंकारी केलो नदी और जंपली नाला पर स्थित गांव हैं जो बाढ़ के जद में है.
छत्तीसगढ़ में बाढ़ के दौरान कंट्रोल रूम नंबर:राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजी गई रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ राहत आयुक्त के तरफ से तैयारियों को लेकर जानकारी दी गई है. वहीं बाढ़ की स्थिति में बचाव को लेकर सेना की मदद ली जा सकती है. बाढ़ राहत को लेकर किसी तरह की सूचना सीधे राहत आयुक्त को दी जा सकती है. बाढ़ से राहत और नुकसान की जानकारी फोन नंबर0771-2223471 और 0771-2223472पर दी जा सकती है.