वाराणसी :लोक आस्था के महापर्व छठ व्रत की शुरुआत 5 नवंबर से हो चुकी है. तीन दिवसीय इस महापर्व का उल्लास बनारस में भी देखने को मिल रहा है. नहाय खाय के साथ शुरू हुए इस पर्व में आज खरना की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. शाम को व्रती महिलाएं गुड़ की खीर और पूरी का प्रसाद ग्रहण करेंगी. वहीं दूसरी ओर घाटों और नदियों के किनारे लोगों की तरफ से वेदियां बनाकर उन्हें रिजर्व करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है. शास्त्री घाट समेत कई जगहों पर वेदियों पर वीआईपी कल्चर भी देखने को मिल रहा है. लोग बेदी बनाने के साथ ही उस पर अपना नाम और पद भी लिख रहे हैं. कोई अपने नाम के साथ बीजेपी नेता, कोई पुलिस तो कोई पत्रकार लिख रहा है. कुछ लोगों ने भाजपा जिलाध्यक्ष और थाना परिवार भी लिखा है.
बिहार की तर्ज पर ही वाराणसी में भी बड़े रूप में डाला छठ (छठ) का पर्व मनाया जाता है. गंगा घाट पर लाखों की भीड़ इस पर्व को मनाने के लिए जुटती है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि बनारस बिहार के नजदीक है. इसके अलावा यहां काफी संख्या में बिहार के लोग रहते हैं. यहां घाटों पर लगातार लोगों की भीड़ जुटती है. लोकगीत भी सुनने को मिलती है. इन सब के बीच वेदियों पर वीआईपी कल्चर पर कुछ लोगों ने सवाल भी खड़े किए हैं.