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बुंदेलखंड में फूलों की खेती से खिले किसानों के चेहरे, लाखों में कर रहे कमाई, लागत न के बराबर - Bundelkhand Flower Farming - BUNDELKHAND FLOWER FARMING

सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में अब फूलों की खेती से किसानों के चेहरे खिल रहे हैं. किसान बताते हैं कि इसमें पानी न के बराबर लगता है. इसलिए वे गुलाब और गेंदे के फूल सहित अन्य मौसमी फूलों की खेती कर लाखों कमा रहे हैं.

CHHATARPUR FLOWER FARMING
फूलों की खेती से किसान कर रहें लाखों की कमाई (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 5:04 PM IST

छतरपुर: बुंदेलखंड के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़ कर फूलों की खेती में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यहां किसान पानी की समस्या और खेती को लेकर काफी परेशान रहते हैं. जिसके बाद अब ये किसान कम पानी लगने वाली फसलों की ओर रुख कर रहें हैं. किसानों ने परंपरागत खेती से हट कर फूलों की खेती शुरू कर दी है, जिसमें वे लाखों कमा रहें हैं और समृद्ध भी हो रहे हैं.

छतरपुर में फूलों की बंपर उत्पादन (ETV Bharat)

फूलों की खेती में आजमा रहे किस्मत

छतरपुर जिले के कई गांवों में बड़े पैमाने पर फूलों की खेती होने लगी है. छतरपुर तहसील के अलावा महाराजपुर और नौगांव तहसील के कई गांवों में किसान फूलों की खेती कर लाखों का लाभ कमा रहे हैं. किसानों की माने तो फूल की खेती में लागत और मेहनत कम है और हर 3 से 6 माह में पैसा रिटर्न आने लगते हैं. किसान बताते हैं कि इस फसल में उधार आदि का भी कोई झंझट नहीं है, जिसे फूल चाहिए होता है, वह नगद पैसे देकर फूल ले जाता है.

कम मेहनत और अधिक मुनाफा

गेंदा फूल की खेती करने वाले किसानमनन पटेल बताते है कि "गेंदा की खेती बहुत आसान है. इसमें मेहनत बिलकुल न के बराबर ही है. उन्होंने 1 एकड़ में गेंदा फूल की फसल लगाई हुई है, जिसमें लागत निकालने के बाद भी साल में करीब 1 लाख रुपए से अधिक का बचत हो जाता है. मनन पटेल का कहना है कि गेंदा की खेती में वह और उनकी पत्नी ही काम करते हैं और किसी अन्य मजदूर की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है. हर 2-3 दिनों में फूल आ जाते है, जो मार्केट में डिमांड के हिसाब से आसानी से बिक जाते हैं.

3 साल तक आते रहते हैं पौधों पर फूल

गुलाब की खेती कर रहे किसान कैलाश पटेलबताते है कि उन्होंने 3 एकड़ जमीन में गुलाब की फसल लगाई है. साल भर में 6 से 7 लाख रुपए वह कमा लेते हैं. कैलाश पटेल बताते हैं कि हर 3 माह में गुलाब के पौधों पर बंपर फूल आते हैं, जिसकी मार्केट में अच्छी कीमत मिल जाती है. उन्होंने बताया कि गुलाब की खेती की खास बात यह है कि एक बार पौधा लगाने के बाद 2 से 3 साल तक पौधों में गुलाब आते रहते हैं. बाद में सिर्फ उनकी छंटनी करनी पड़ती है. वे कहते हैं कि फूलों की खेती में बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है और रोजाना इनकम भी मिलती रहती है.

सीजन में और अधिक मुनाफा

त्योहारों और अन्य कार्यक्रमों के दौरान मार्केट में फूलों की डिमांड बढ़ जाती है. इस तरह के सीजन में किसानों को अच्छी कीमत मिलती है और उन्हें अधिक मुनाफा होता है. वहीं, किसानों ने बताया कि फूलों की खेती में किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं है. फूलों की बिक्री के सीजन में उम्मीद से ज्यादा फसल की कीमत मिल जाती है. इसलिए बुंदेलखंड के किसानों की फूल की खेती लाभ का धंधा बनती जा रही है.

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कृषि विभाग भी दे रहा बढ़ावा

फूलों की खेती के लिए कृषि विभाग भी किसानों को बढ़ावा दे रहा है. कृषि विभाग के उद्यानिकी अधिकारी जगदीश सिंह मुजाल्दा ने बताया कि "फूलों की खेती करने वाले किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रहे हैं, ताकि फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हों. जो लोग फूलों की अच्छी खेती करते हैं, उन्हें अलग से प्रोत्साहन दिया जाता है. अब छतरपुर में फूलों की खेती कर कई किसान अच्छा लाभ कमा रहे हैं."

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