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टेढ़े पैरों के साथ जन्मे बच्चों का यहां होता है निशुल्क इलाज, कुछ महीने में लगा देते हैं दौड़

टेढ़े पैरों के साथ जन्मे बच्चों का छतरपुर के जिला अस्पताल में होता है सफल इलाज, डॉ. रवि ने 250 बच्चों को किया ठीक

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

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टेढ़े पैरों के साथ जन्मे बच्चों का डॉ. रवि सोनी करते हैं सफल इलाज (ETV Bharat)

छतरपुर: डॉक्टर को धरती के भगवान की संज्ञा दी जाती है. लोग कहते हैं कि एक भगवान ऊपर है तो दूसरा डॉक्टर के रूप में नीचे हैं. तभी तो टेढ़े पैरों के साथ जन्मे बच्चों को छतरपुर के जिला हॉस्पिटल में पदस्थ डॉ. रवि सोनी नया जीवन देकर उन्हें विकलांग होने से बचा रहे हैं. रवि अबतक 250 बच्चों का सफल ऑपरेशन अभी तक कर चुके हैं.

आधुनिक तकनीक से सफल ऑपरेशन

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि सोनी के द्वारा छतरपुर के जिला हॉस्पिटल में अभी तक लगभग 80 से ज्यादा बच्चों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है. जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. सोनी आधुनिक तकनीक के द्वारा बच्चों के निशुल्क सफल ऑपरेशन करते हैं. पुराने समय में जिन बच्चों को एक अभिशाप की तरह देखा जाता था, आज वही बच्चे सफल ऑपरेशन के बाद अच्छे से चल फिर रहे हैं. डॉ. रवि ने बताया कि '' यह एक जन्मजात बीमारी है, जिसको CTEV क्लब फुट कहा जाता है. ऑपरेशन के 6 हफ्ते में ही बच्चा सही हो जाता है. अगर माता-पिता ने जन्म के दौरान लापरवाही की तो दिक्कत बढ़ती है. यह बीमारी 1 हजार बच्चों में किसी एक को होती है और यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती है. लड़कियों में बहुत ही कम होती है.''

जानकारी देते हुए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि सोनी (ETV Bharat)

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महज कुछ महीनों बाद ठीक हो जाते हैं बच्चे के पैर

डॉ. रवि सोनी ने आगे बताया कि ''पोसेटी विधि से बच्चों के पैर सही किए जाते हैं. जन्म से पहले अगर अल्ट्रासाउंड से चेक किया जाए तो भी पता चल जाता है कि बच्चे के पैर किस पोजिशन में हैं. उसके लिए बहुत बारीकी से देखना पड़ता है. यह बीमारी हरियाणा, पंजाब, हिमाचल में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन इसका समय पर इलाज बहुत जरूरी है. CTEV या Congenital talipes equinovarusऐसी बीमारी है, जिसका पूर्णत: इलाज किया जा सकता है और बच्चों को भविष्य में विकलांग होने से बचाया जा सकता है. देखने में अच्छा नहीं लगता है इसीलिए परिजन उसे छिपाते हैं और जब बच्चे को चलने में दिक्कत होती है तब वह हमारे पास बच्चों को लेकर आते हैं. परंतु इसका उपचार जन्म के साथ ही शुरू किया जा सकता है. इसमें 3-5 प्लास्टर के बाद, छोटा सा ऑपरेशन किया जाता है. फिर एक साल तक बच्चों को जूता पहनाया जाता है, जिससे बच्चा पूर्णता ठीक हो जाता है.''

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