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Chetna Rescue Operation : रेस्क्यू टीम को मिली चेतना, 10वें दिन बोरवेल से निकाला बाहर - BOREWELL RESCUE OPERATION

बोरवेल में गिरी बच्ची चेतना को रेस्क्यू टीम ने 10वें दिन निकाला बाहर. एनडीआरएफ के जवान लेकर गए जिला बीडीएम अस्पताल.

BOREWELL RESCUE OPERATION
रेस्क्यू टीम को मिली चेतना (ETV Bharat Kotputli Behror)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 1, 2025, 12:31 PM IST

Updated : Jan 1, 2025, 1:05 PM IST

कोटपुतली-बहरोड : बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची का 10वें दिन बुधवार को रेस्क्यू टीम ने बोरवेल से बाहर निकाल लिया है. फिलहाल, एनडीआरएफ के जवान चेतना को जिला बीडीएम अस्पताल लेकर गए हैं. कलेक्टर कल्पना भी मौके पर मौजूद हैं. एएसआई महावीर सिंह चेतना को लेकर बाहर निकले.

जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि कुछ देर में चेतना को बोरवेल से निकाल लिया जाएगा. करीब 170 फीट गहराई में सुरंग खोद रही टीमों को उसकी लोकेशन मिल गई है. जल्द ही बच्ची को बाहर निकाल लिया जाएगा. मौके पर एम्बुलेंस और पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया है. बीडीएम अस्पताल में अलग से सुरक्षा लगा दी गई है. मौके पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद हैं.

इससे पहले भी उसे निकालने की 5 से ज्यादा कोशिश फेल हुईं हैं. इसमें चार बार देसी जुगाड़ से भी कोशिश की गई थी. इस दौरान परिवार ने भी अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया था. बोरवेल में फंसी चेतना करीब 8 दिन से कोई मूवमेंट नहीं कर रही है. बताया जा रहा है कि बच्ची को बोरवेल से निकाल लिया है और एल आकार की की गई खुदाई में लाया गया है.

पढ़ें.चेतना की मां ने कलेक्टर से पूछा - 'अगर आपकी बेटी होती तो आप क्या करतीं ?'

ये हुआ घटनाक्रम :

  1. 23 दिसंबर 2024 : सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे 3 साल की चेतना खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई. रोने की आवाज सुनकर परिजनों ने पुलिस-प्रशासन को सूचित किया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ.
  2. 24 दिसंबर 2024 :बीच में तकनीकी कारणों से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया था. चार घंटे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को दोबारा शुरू किया गया. रिंग रॉड और अंब्रेला तकनीक की मदद से बच्ची को बचाने का प्रयास किया जा रहा था. इसके लिए गड्ढे में 15 लोहे की छड़ों को डाला गया. 150 फीट गहरे गड्ढे में से 30 फीट ऊपर बच्ची को खींचा गया, लेकिन इसके बाद वो फंस गई.
  3. 25 दिसंबर 2024 :रिंग रॉड और अंब्रेला जैसे जुगाड़ फेल होने के बाद फरीदाबाद से पाइलिंग मशीन मंगवाई गई. पाइलिंग मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदने का काम शुरू किया गया. गड्ढे में लगातार ऑक्सीजन सप्लाई भी भेजी जा रही थी. हालांकि, इस दौरान भी कैमरे में बच्ची का मूवमेंट नजर नहीं आ रहा था.
  4. 26 दिसंबर 2024 :उत्तराखंड से स्पेशल टीम को बुलाया गया, जिसके बाद पाइलिंग मशीन से लगातार खुदाई की गई. इस दौरान रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
  5. 27 दिसंबर 2024 :कई बार रोकने के बाद फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. चेतना को बाहर निकालने के लिए 'रैट माइनर्स' की टीम ने मोर्चा संभाला. रैट माइनर्स ने ही उत्तराखंड में टनल में फंसे मजदूरों को सुरंग खोदकर निकाला था.
  6. 28 दिसंबर 2024 :बोरवेल के गड्ढे के बगल में 170 फीट का गड्ढा खोदा गया. खुदाई करके उसमें केसिंग डालने का काम भी पूरा किया गया. 90 डिग्री पर अंदर की तरफ करीब 10 फीट की सुरंग बनाने के लिए एनडीआरएफ की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ नीचे उतरे.
  7. 29 दिसंबर 2024 : 170 फीट खुदाई कर सुरंग बनाई गई और करीब 2 फीट तक की L आकार की खुदाई की गई. इस दौरान रास्ते में पहाड़ आ जाने से खुदाई में दिक्कत आ रही है.
  8. 30 दिसंबर 2024 : सुरंग की खुदाई का काम पूरा हुआ. टनल से अज्ञात गैस निकलने के कारण सांस लेने में परेशानी आ रही, जिसके कारण रेस्क्यू टीम बच्ची तक नहीं पहुंच पाई.
  9. 31 दिसंबर 2024 :टनल की खुदाई के बाद भी बोरवेल ट्रेस नहीं हो रही थी. इसके बाद 4 फीट की सुरंग और खोदी गई, जिसके बाद बोरवेल को ट्रेस किया गया.
Last Updated : Jan 1, 2025, 1:05 PM IST

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