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चौधरी चरण सिंह सदी के सबसे बड़े किसान नेता– भूपेन्द्र यादव - CHAUDHARY CHARAN SINGH

चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर सांसद भूपेंद्र यादव ने अलवर के अहिंसा सर्किल पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया.

चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण
चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण (ETV Bharat Alwar)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 23, 2024, 7:33 PM IST

अलवर : केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री और अलवर सांसद भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह इस सदी के सबसे बड़े किसान नेता थे. वे केवल खेत-खलिहान की बात करने वाले नेता नहीं थे, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था का विजन रखने वाले नेता थे. उन्होंने किसानों और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अनेक पुस्तकें लिखीं. भूपेन्द्र यादव सोमवार को चौधरी चरण सिंह की जयंती पर अलवर के अहिंसा सर्किल पर उनकी प्रतिमा का अनावरण कर लोगों को संबोधित कर रहे थे.

भूपेन्द्र यादव ने चौधरी चरण सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे मन, कर्म और वचन से ईमानदार नेता थे. उन्होंने 70-80 साल पहले कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें पं. नेहरू के दौर में आर्थिक क्षेत्र में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई थी. उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था कैसी होनी चाहिए, इस पर भी पुस्तक लिखी. कार्यक्रम में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था, लेकिन दिल्ली में खराब मौसम के कारण वे कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके. इस पर भूपेन्द्र यादव ने दिल्ली से जयंत चौधरी का संदेश मोबाइल के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया.

अलवर सांसद भूपेंद्र यादव (ETV Bharat Alwar)

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आपातकाल पर खुलकर रखे विचार :भूपेन्द्र यादव ने कहा किचौधरी चरण सिंह एक निडर नेता थे. उन्होंने आपातकाल को खुलकर चुनौती दी और इसे अंग्रेजों के शासन से भी बदतर बताया. उन्होंने कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की स्थिति मजबूत करने के लिए सुझाव दिए. उनका मानना था कि किसान के हाथ में जमीन होनी चाहिए और किसानों के हित में कानून बनने चाहिए. भूपेन्द्र यादव ने कहा कि चौधरी चरणसिंह एक सच्चे मायने में किसान नेता थे. वे न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी सम्मान की दृष्टि से देखे जाते थे. वे जाति और धर्म से ऊपर उठकर किसानों के हित की बात करते थे. उनकी बातों में किसानों के लिए दर्द झलकता था.

गांधीवादी विचारधारा के नेता :भूपेन्द्र यादव बोले किचौधरी चरण सिंह गांधी टोपी पहनते थे और गांधीवाद को अपने जीवन में अपनाते थे. वे पं. नेहरू को चुनौती देने वाले नेताओं में से एक थे. उन्होंने महसूस किया कि उस समय की कांग्रेस की नीतियां किसानों के पक्ष में नहीं थीं. अंग्रेजी शासन के दौरान उन्होंने कृषि उत्पाद बिल और किसान कर्ज माफी बिल पेश किए, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली. भूपेन्द्र यादव ने कहा कि चौधरी चरणसिंह का मानना था कि देश की समृद्धि का रास्ता खेत-खलिहान से होकर गुजरता है. इसी विचार को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य सरकारें निरंतर कार्य कर रही हैं. खेतों की सिंचाई के लिए नहरों से पानी लाने की योजनाओं को मूर्तरूप दिया जा रहा है.

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चौधरी चरणसिंह ने लिखा कृषि अर्थशास्त्र :कार्यक्रम में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने देश का कृषि अर्थशास्त्र लिखा. उन्होंने कहा कि चरणसिंह का मानना था कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहानों से गुजरता है. खेती पर लिखे अर्थशास्त्र में उनका सबसे बड़ा योगदान रहा. पूनिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर उनके योगदान का सम्मान किया. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की ताकत किसान है. किसानों ने मुगलों और अंग्रेजों से लोहा लिया और आज उनके बेटे सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे हैं. सतीश पूनिया ने कहा कि जब किसान का पसीना गिरता है, तो धरती अन्नपूर्णा बनती है. वहीं, जब यही किसान का बेटा सीमा पर शहादत देता है, तो भारत माता की आन-बान की रक्षा होती है. कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी सहित कई अन्य नेता भी उपस्थित रहे.

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