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भीम आर्मी संस्थापक पर हुए हमले की सुनवाई 26 जून को, चंद्रशेखर की गवाही मानी जा रही अहम - Chandrashekhar Azad Attack Case

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर सहारनपुर में कार सवार युवकों (Chandrashekhar Azad Attack Case) ने हमला कर दिया था. हमले में भीम आर्मी चीफ बाल-बाल बच गए थे. हालांकि, एक गोली उनकी कमर को छूकर निकल गई थी.

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (फाइल फोटो)
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (फाइल फोटो) (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 10:49 PM IST

सहारनपुर : भीम आर्मी संस्थापक एवं आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना लोकसभा से सांसद चंद्रशेखर पर हुए गत वर्ष हुए हमले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है. सहारनपुर कोर्ट में हमले के दो गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं, जबकि भीम आर्मी संस्थापक के चंद्र शेखर आजाद उर्फ़ रावण के बयान दर्ज होने हैं. हमले में घायल हुए चंद्र शेखर की गवाही अहम मानी जा रही है. कचेहरी में अधिवक्ताओं द्वारा नोवर्क के कारण तीसरे गवाह के बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं. जिसके चलते अदालत ने सुनवाई के लिए 26 जून की अगली तारीख दी है.

आपको बता दें कि पिछले साल 29 जून को दिल्ली से लौटते वक्त नगीना से नवनियुक्त सांसद चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण कस्बा देवबंद में कुछ देर के लिए कार्यकर्ता के घर रुके थे. जैसे ही चंद्रशेखर अपने काफिले के साथ यूनियन तिराहे पर पहुंचे तो स्विफ्ट कार में सवार युवकों ने चंद्रशेखर की फॉर्चून गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. हमले में एक गोली चंद्रशेखर के पेट की खाल को छूकर निकली थी. जबकि, उनकी गाड़ी में कई जगहों पर गोलियों के निशान बने थे. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने हमलावरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद पूरा मामला एससी/एसटी कोर्ट में पहुंच गया. जहां मामले की सुनवाई चल रही है.



दरअसल, चंद्रशेखर हमले का मामला अपर सत्र न्यायाधीश एससीएसटी कक्ष संख्या दो की अदालत में विचारधीन है. वहीं, ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते अधिवक्ता नोवर्क पर हैं. भीम आर्मी संस्थापक, आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष एवं सांसद चंद्रशेखर पर देवबंद में हुए जानलेवा हमले को लेकर चालक मनीष कुमार, साथी रामपुर मनिहारान निवासी डॉ. ब्रजपाल की गवाही हो चुकी है. जबकि, चंद्रशेखर और उनके प्रतिनिधि काशी मौर्य की गवाही होनी बाकी है.

अधिवक्ताओं के मुताबिक, मामले में चंद्रशेखर और डॉ. ब्रजपाल की गवाही अहम मानी जा रही है. चूंकि देवबंद में हुए इस हमले में चंद्रशेखर आजाद घायल हुए थे. वहीं, पिछली तारीख पर भी अधिवक्ताओं के नोवर्क की वजह से काशी मौर्य की गवाही नहीं हो सकी थी. यही वजह रही कि शुक्रवार को होने वाली सुनवाई भी टल गई. शुक्रवार को काशी मौर्य की गवाही नहीं हो सकी है. चंद्रशेखर के अधिवक्ता के मुताबिक, सबकी गवाही होने के बाद जांच अधिकारी के बयान दर्ज होंगे. पुलिस ने 300 पन्नों का आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था.



गौरतलब है कि भीम आर्मी संस्थापक के हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने विकास उर्फ विक्की, प्रशांत, लविश, निवासी गांव रणखंड़ी देवबंद और विकास निवासी गौंदर थाना निसिंग जिला करनाल हरियाणा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पूरा मामला एससी/एसटी अदालत में चल रहा है, जहां चंद्रशेखर की गवाही और बयान अहम माने जा रहे हैं.

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