चंडीगढ़: चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण हो गया है. रात 12 से चंडीगढ़ की बिजली की जिम्मेदारी आरपी संजीव गोयनका समूह को सौंप दी गई. EWEDC (Electricity Wing of Engineering Department, Chandigarh) अब CPDL (Retail Supply Business Chandigarh Power Distribution Limited) हो गया है. लंबे समय से प्रॉफिट में चल चल रहा बिजली विभाग कोलकाता की निजी कंपनी को सौंप दिया गया है.
चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण: चंडीगढ़ यूटी प्रशासन ने आरपी संजीव गोयनका समूह को आधिकारिक रूप से चंडीगढ़ बिजली विभाग (EWEDC) के बिजली वितरण और खुदरा आपूर्ति व्यवसाय का जिम्मा सौंप दिया है. पिछले साल नवंबर 2024 में पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने और बाद में दिसंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में बिजली वितरण के निजीकरण की चंडीगढ़ प्रशासन की नीति को बरकरार रखा था.
संजीव गोयनका समूह को जिम्मेदारी: चंडीगढ़ प्रशासन ने भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत चंडीगढ़ में बिजली वितरण के निजीकरण का फैसला लिया था. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ अब उन शहरों की सूची में शामिल हो गया है, जहां बिजली वितरण का निजीकरण किया गया है. इससे पहले अप्रैल 2022 में दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में भी बिजली का निजीकरण किया जा चुका है.
एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड करेगा परिचालन: शुक्रवार रात 12 बजे के बाद से आरपीएसजी ग्रुप की कंपनी एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने आधिकारिक तौर पर चंडीगढ़ में बिजली वितरण के परिचालन का कार्यभार संभाल लिया है. चंडीगढ़ में 2.35 लाख उपभोक्ताओं के लिए बेहतर बिजली वितरण सेवाओं की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
लेन देन प्रक्रिया की मुख्य बातें: निजीकरण की प्रक्रिया के तहत EWEDC का पूरा बिजली वितरण और खुदरा आपूर्ति व्यवसाय चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (CPDL) को हस्तांतरित कर दिया गया है. CPDL अब पूरी तरह से EEDL के स्वामित्व में है, जो RPSG समूह की प्रमुख कंपनी CESC लिमिटेड की सहायक कंपनी है. एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने कुल 871 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. जो 174 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से काफी अधिक है.