उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लोकसभा चुनाव 2024 : केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय तीसरी बार मैदान में, जानिए कैसे तय किया राजनीतिक सफर - डॉ महेंद्र नाथ पांडेय

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. प्राथमिक सूची में भाजपा ने कई पुराने चेहरों को तरजीह दी है. इसी में एक नाम शुमार है चंदौली संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय (Dr Mahendra Nath Pandey) का. देखिए ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 8:23 AM IST

चंदौली :लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने चंदौली संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय (Dr Mahendra Nath Pandey) पर तीसरी बार भरोसा जताया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने का समय आ गया है. जनता इस बार 400 सीट के संकल्प को पूरा करेगी. जानिए डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने राजनीतिक सफर कैसे तय किया. केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने राजनीति का ककहरा बीएचयू से सीखा. छात्र जीवन से ही वह आरएसएस से जुड़े रहे. उनकी छवि एक सुलझे और संघर्षशील नेता की है. गाजीपुर (सैदपुर) के पखनपुर गांव के मूल निवासी डाॅ. पाण्डेय का जन्म 15 अक्टूबर 1957 को हुआ, लेकिन उनकी कर्मभूमि बनारस ही रही है. वर्तमान में वाराणसी के विनायका के सरस्वतीनगर में उनका निवास है. महेंद्र पांडेय ने एमए, पीएचडी के साथ ही मास्टर आफ जर्नलिज्म की भी डिग्री भी बीएचयू से हासिल की है.

केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय.

छात्र जीवन से राजनीति में एंट्री : डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय छात्र जीवन से राजनीति में आए. 1973 में सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद 1978 में बीएचयू में छात्रसंघ के महामंत्री निर्वाचित हुए. आपातकाल में उन्हें जेल जाना पड़ा. रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान उन्हें जेल जाना पड़ा. बीएचयू से एमए, पीएचडी के साथ ही पत्रकारिता में परास्नातक डिग्री पूरी की. वर्ष 1978 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े. 1975-76 एवीबीपी के वाराणसी जिला संयोजक रहे. 1985-86 में भाजयुमो का प्रदेश मंत्री बनाया. 1987 में भाजपा उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य चुने गए.

केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय.


मंत्रित्व काल की तारीफ :पहली बार 1991 में सैदपुर (गाजीपुर) विधानसभा से विधायक चुने गए. 1996 में भी दोबारा सैदपुर का प्रतिनिधित्व किया. डाॅ. पांडेय उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मंत्री रहे. भाजपा-बसपा गठबंधन सरकार में आवास एवं नगर विकास राज्यमंत्री, मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कार्यकाल में नियोजन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे. इस दौरान उनके मंत्रित्व काल की बड़ी तारीफ हुई. उन्हें कई अवार्डों से भी नवाजा गया. इसके अलावा प्रदेश में राजनाथ सिंह व स्वर्गीय रामप्रकाश गुप्ता के कार्यकाल में पंचायती राज्य मंत्री रहे. इसके बाद संगठन के विभिन्न पदों पर रहे और अपनी प्रतिभा से संगठन को मजबूती प्रदान की. 2009 में पार्टी ने उन्हें भदोही लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. हालांकि पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया और मोदी लहर में डॉ. पांडेय पहली बार 2014 में चंदौली से सांसद चुने गए. इस लोकसभा चुनाव में डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने 16 साल बाद इस सीट से भाजपा को जीत दिलाई थी. डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय को 4 लाख 14 हजार 135 वोट मिले थे. उन्होंने बसपा प्रत्याशी अनिल कुमार मौर्या को एक लाख 56 हजार 756 वोट के भारी अंतर से हराया था. उनका यह कार्यकाल न सिर्फ चंदौली बल्कि निजी तौर पर भी ऐतिहासिक रहा. जुलाई 2016 में डॉ. पांडेय को मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री बनाया गया.

मुगलसराय का नाम दीनदयाल के नाम पर कराया :चंदौली से लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के बाद उन्होंने अपनी जबरदस्त उपस्थिति सदन में दर्ज कराई. अपने निर्वाचन क्षेत्र में पेयजल, बिजली, आपूर्ति, किसानों की समस्या, सिंचाई, प्राइमरी शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क ओवरब्रिज आदि से जुड़े मुद्दे बराबर लोकसभा में उठाते रहे. रिंग रोड के निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने में मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कराने में महत्वपूर्ण भूमिका रही. हालांकि इस बाबत विपक्षी पार्टियों का तीखा विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन एकात्मवाद के प्रणेता पं दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों को जिले में स्थापित करन में महत्वपूर्ण महती भूमिका अदा की. यूपी में पार्टी अध्यक्ष बनने से पहले केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थे. संघ और भाजपा में अच्छी हैसियत रखने वाले महेंद्र नाथ पांडेय ने पार्टी के एक अनुशासित फौजी के रूप में दोहरी जिम्मेदारी निभाई. चंदौली में बहैसियत सासंद अपने कर्तव्य पूरे करने के साथ ही वह पार्टी और संगठन के कामों में तालमेल बैठाकर चुनाव प्रचार में जुटे रहे. जिसके बदले उन्हें उनकी कड़ी मेहनत का इनाम भी मिला है.

मतदाताओं पर छोड़ी छाप :चंदौली में 2019 उनके मुकाबले सपा-बसपा गठबंधन के संजय सिंह चौहान और जअपा-कांग्रेस गठबंधन की शिवकन्या कुशवाहा चुनावी मैदान पर रहे. इस बार चुनाव में डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय को 5 लाख 10 हजार 733 वोट मिले. उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन के संजय सिंह चौहान को 13 हजार 959 वोट के अंतर से हराया. चंदौली सीट के मतदाताओं ने उन्हें दोबारा सांसद चुनकर लोकसभा में भेजने का काम किया, लेकिन इस चुनाव को जीतने में मोदी मैजिक के साथ ही डॉ. पांडेय की मेहनत और कार्यकर्ताओं की निष्ठा और विश्वास ने बड़ी भूमिका अदा की. चंदौली से लोकसभा सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को मोदी सरकार पार्ट 2 में भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया. देश की युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी देते हुए अहम मंत्रालय कौशल विकास एवं उद्यमिता का मंत्री बनाया गया. बाद में 2021 में उन्हें भारी उद्योग मंत्री का दायित्व सौंपा गया.



यूपी बीजेपी में ब्राह्मण चेहरा :वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव तक भाजपा को ब्राह्मण- बनियों की पार्टी कहा जाता था. समाज के एक वर्ग में यह चर्चा थी कि पार्टी इस वर्ग के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचती. लिहाजा, पार्टी और संगठन के स्तर पर एक बड़ा बदलाव किया गया. यह बदलाव ओबीसी के साथ ही दलितों को भी संगठन में समाहित करने और उन्हें बराबर का महत्व देने की रणनीति के रूप में हुआ. इसके बाद पार्टी में बातें होने लगीं कि भाजपा में ब्राह्मणों की अनदेखी की जा रही है. इसी के मद्देनजर 2017 में जब सरकार बनी तो केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री पद सौंपा गया और उनके स्थान पर केंद्रीय मंत्री व पूर्वांचल में भाजपा के कद्दावर नेता महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया.

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी हर महीने दे रहे 51 हजार लोगों को रोजगार: महेंद्र नाथ पाण्डेय

यह भी पढ़ें : केंद्रीय मंत्री महेंद्र पांडेय ने चंदौली को दी 22 परियोजनाओं की सौगात, बोले-पर्यटन का केंद्र बनेगा मार्कंडेय महादेव मंदिर

ABOUT THE AUTHOR

...view details