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नवरात्रि में पूरे परिवार संग घोड़े पर सवार आ रही माता रानी, कलश स्थापना का सटीक मुहूर्त और विधि - maa durga kalash sthapana

9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इस बार माता घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

MAA DURGA KALASH STHAPANA
इस बार घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं मां, जानिये शुभ मुहूर्त, कलश स्थापना की आसान विधि

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 8, 2024, 4:23 PM IST

Updated : Apr 8, 2024, 5:17 PM IST

CHAITRA NAVRATRI 2024।एक दिन बाद यानि कि 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से होने जा रही है, इस दिन मंगलवार है. 17 अप्रैल को नवमी तिथि होगी, मतलब इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ होता है. इस नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.

9 दिन में माता के नौ स्वरूपों की पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से शुरू हो रही है. 9 अप्रैल से ही नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी. जिसमें पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवें दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री, इस तरह से नौ दिन में माता के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना नवरात्रि में की जाती है.

घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माता

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जब नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं, तो ये शुभ संकेत नहीं हैं. ज्योतिष आचार्य कहते हैं की अगर नवरात्रि की शुरुआत शनिवार और मंगलवार से होती है, तो माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के घोड़े पर सवार होकर आने से कई संकेत मिलते हैं. जैसे राजनीतिक उथल-पुथल मचेगा, प्राकृतिक आपदाएं आएंगी, अल्प वर्षा के भी योग बनेंगे, छुटपुट वर्षा होगी, फसलों पर कीट पतंगे लगेगी. खींचातानी मची रहेगी, उथल-पुथल मचा रहेगा. कुल मिलाकर सब कुछ शांति से नहीं चलेगा.

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि में शुभ मुहूर्त को लेकर ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत तो 8 अप्रैल को रात्रि से ही हो जाएगी, लेकिन 9 अप्रैल को रात 8:30 पर यह समाप्त होगा, चूंकि उदया तिथि माना जाता है, इसलिए नवरात्रि 9 अप्रैल को होगी और कलश स्थापना भी 9 अप्रैल को ही की जाएगी. इस दिन सुबह 5:52 से लेकर के 10:04 तक कलश स्थापना का सुबह सुबह शुभ मुहूर्त है. इसके बाद 11:45 से दोपहर 12:35 तक घटस्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त भी है.

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कलश स्थापना की आसान विधि

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की कलश स्थापना के लिए सर्वप्रथम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, व्रत करने का प्रण करें, हर संभव कोशिश करें कि नवरात्रि में घट स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त ही करें, कलश स्थापना के लिए जिस जगह को आपने चुना है, पहले वहां उस जगह को अच्छे से साफ सफाई कर लें. एक पूजा की चौकी ले लें और उस पर लाल कपड़ा बिछा लें. वहां पर मां दुर्गा की प्रतिमा या मां दुर्गा की तस्वीर को स्थापित करें. कलश में साफ शुद्ध पानी डाल लें. गंगाजल डाल दें, सिक्का डाल दे, रोली, हल्दी गांठ, दूर्वा, सुपारी यह सभी अर्पित कर दें.

उसके बाद कलश में पांच आम के पत्ते जो जुड़े हों उसे आम की टेरी के नाम से भी कई जगहों पर जाना जाता है, उसे कलश के ऊपर रख दें, और फिर उसे ढक दें और ऊपर से नारियल रखें. उसके बाद एक मिट्टी का बर्तन लें, और उसमें साफ मिट्टी रखें, उसमें कुछ जौ के दाने बो दें. उसमें पानी का छिड़काव करें और इसे भी चौकी पर स्थापित कर दें. इसके बाद दीपक जलाएं. दीप जलाकर सर्वप्रथम गणेश भगवान की पूजा करें, गणपति महाराज का स्मरण करें, विधि विधान से पूजा अर्चना करें माताजी का आवाहन करें.

Last Updated : Apr 8, 2024, 5:17 PM IST

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