धमतरी:धमतरी में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. ये कार्यकर्ता काम बंद कलम बन्द कर घंटों धरने पर बैठे रहे. धमतरी शहर के गांधी मैदान में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनकारियों ने महंगाई भत्ता, लंबित एरियर्स सहित 4 सूत्रीय मांग को लेकर हल्ला बोला है. इस दौरान कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया. इनके हड़ताल पर जाने से सरकारी काम भी प्रभावित हुए.
डीए एरियर के लिए कर्मचारियों का प्रोटेस्ट, वेतन बढ़ाने की मांग - protest in dhamtari For DA arrears
धमतरी में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने धरना प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनकारियों ने डीए एरियर बढ़ाने की मांग की है. इसके साथ ही मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. कर्मचारियों ने केंद्रीय कर्मियों के वेतन के आधार पर सैलरी बढ़ाने की मांग की है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Sep 27, 2024, 5:06 PM IST
|Updated : Sep 27, 2024, 5:47 PM IST
इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन:दरअसल छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन चार चरणों में प्रदर्शन करते आ रहे हैं. एक बार फिर शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने काम बंद कलम बन्द कर हड़ताल किया. आंदोलनकारियों ने बताया कि उनकी सरकार से चार प्रमुख मांगें हैं. मांगों में भाजपा घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए. साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर दिया जाए. इस राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए. प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए.
कर्मचारियों को केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. भाजपा घोषणा पत्र अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए. इन्हीं चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के कर्मचारी धरना दे रहे हैं.: आंदोलनकारी कर्मचारी
आंदोलनकारियों ने दी चेतावनी: धरना प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. छत्तीसगढ़ में केंद्रीय कर्मियों के समान वेतन बढ़ाने की मांग कर्मचारी काफी अरसे से कर रहे हैं. अब देखना होगा कि इस मसले पर सरकार क्या फैसला लेती है.