लखनऊ: लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान का युद्ध स्मारक स्मृतिका को पिछले माह से सभी नागरिकों के लिए खोल दिया गया है. स्मारक अब हर दिन शाम साढ़े पांच बजे से सात बजे तक खुला रहता है. इस स्मारक की देखभाल भारतीय सेना करती है.
मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह बताते हैं, कि यह स्वतंत्रता के बाद से राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए हमारे वीर सैनिकों के किए गए बलिदानों का प्रमाण है. पहले इस स्मारक का उपयोग केवल सेना के औपचारिक कार्यक्रमों के संचालन के लिए किया जाता था. लेकिन, पिछले माह से अन्य नागरिक भी यहां निर्धारित समय पर आ सकते हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियां हमारे सैनिकों की गौरवशाली गाथा के बारे में अधिक जागरूक होंगी और उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करेंगी.
सेना की इस स्मृतिका में बलिदानियों के किस्से पढ़ते हैं लोग, परमवीर और अशोक चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं भी हैं मौजूद - Central Command War Memorial - CENTRAL COMMAND WAR MEMORIAL
लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान का युद्ध स्मारक स्मृतिका को नागरिकों के लिए खोल दिया गया है. इस स्मारक के खुलने के बाद से, हर शाम श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें शहीदों के बहादुर के किस्सों को पढ़ा जाता है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jul 21, 2024, 11:50 AM IST
लगी हैं जांबाजों की प्रतिमाएं :शांतनु प्रताप सिंह ने बताया, कि स्मारक में उत्तर प्रदेश के सभी 21 परमवीर चक्र विजेताओं और तीन अशोक चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं भी प्रदर्शित हैं. स्मृतिका युद्ध स्मारक नागरिक-सैन्य सहयोग के एक अद्वितीय प्रतीक के रूप में खड़ा है. इसका निर्माण मूल रूप से 1994 में उत्तर प्रदेश और मध्य कमान के सैनिकों के वीरतापूर्ण कार्य की याद में किया गया था, जिन्होंने हमारे देश की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.
नागरिकों के लिए इस स्मारक के खुलने के बाद से हर शाम श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें हमारे शहीदों के बहादुर कार्यों को पढ़ा जाता है और पुष्पांजलि अर्पित की जाती है. आगंतुक पुष्पांजलि भी अर्पित कर सकते हैं और श्रद्धांजलि दे सकते हैं. मानसून के आगमन के बाद गर्मी की लहर के बावजूद, पर्यटकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. गोमती नगर का एक आगंतुक जो नियमित रूप से अपने काम से संबंधित आवाजाही के लिए स्मृतिका के सामने की सड़क का उपयोग करता है, उसे खुशी हुई, कि वह भी स्मारक का दौरा कर सकता है. एक इच्छा जो उसने अतीत में खुद से व्यक्त की थी. नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ छात्रों को एक यादगार अनुभव देने के लिए स्कूल और विद्यालय अब स्मृतिका के लिए संगठित पर्यटन की योजना बना सकते हैं.
यह भी पढ़े-रोडवेज यात्रियों पर पड़ी मार, यूपी के इस रूट पर 20 रुपये तक बढ़ा बसों का किराया - Roadways bus fare hike