इंदौर: मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर में लगातार अन्य राज्यों के अलावा देशभर से होने वाली लोगों की आवाजाही के चलते अब शहर भर में सीसीटीवी लगाए जाएंगे. हाल ही में राज्य सरकार ने शहर की सामुदायिक निगरानी की दिशा में इंदौर नगर निगम द्वारा जनता योग से सीसीटीवी लगाने की नीति को मंजूरी दी है. लिहाजा अब शहर के ऐसे स्थान जहां 100 लोगों की आवाजाही है या फिर 1500 वर्ग फीट क्षेत्र के मकान में अब सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी किया जाएगा.
शहर के चौराहों-चारौहों पर CCTV से होगी निगरानी
दरअसल, इंदौर में पहले जन भागीदारी से सड़कें बनाने के अभियान की शुरुआत हुई थी, जो सफल साबित हुई थी. अब शहर की बढ़ती आबादी और सुरक्षा के साथ स्वच्छता की निगरानी सीसीटीवी कैमरे के जरिए निगरानी हो सके, इसके लिए नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 427 के तहत नगरीय प्रशासन विभाग ने जो निगरानी नीति को मंजूरी दी है. उसके बाद इंदौर देश में पहला शहर होगा. जहां नगर निगम स्थानीय लोगों, संस्थान व व्यवसाय संगठनों अथवा प्रतिष्ठानों आदि के सहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगवा सकेगा.
कंट्रोल रूम में सुरक्षित होगा महीने का डाटा
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक 'शहर भर के सीसीटीवी कैमरे के लिए एक कंट्रोल रूम होगा. जहां रिकॉर्डिंग का डाटा महीने भर तक सुरक्षित रखा जा सकेगा. इसके अलावा शहर की हर गतिविधि पर निगरानी के लिए सेंट्रल कमांड सिस्टम भी होगा. जहां क्षेत्रवार होने वाली घटनाओं की जरूरत के अनुसार रिकॉर्डिंग देखी जा सकेगी. उन्होंने बताया जन भागीदारी से लगने वाले सीसीटीवी कैमरे की सुरक्षा और रख-रखाव स्थानीय लोगों के जरिए हो सकेगा. वहीं इस नीति को लागू करने में नगर निगम हर संभव प्रयास करेगा.