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CAA लागू होते ही किशनगंज के सीमावर्ती इलाकों में सख्ती, सोशल मीडिया पर पुलिस की नजर - CCA In India

Kishanganj Police Alert: देश में सीसीए लागू होते ही बॉर्डर इलाके में सख्ती बढ़ा दी गई है. बिहार के किशनगंज सीमवर्ती इलाकों में पुलिस की गश्ती तेज कर दी गई है. इसके साथ ही पुलिस सोशल मीडिया पर नजर बनायी हुई है. पढ़ें पूरी खबर.

CAA लागू होते ही किशनगंज के सीमावर्ती इलाकों में सख्ती
CAA लागू होते ही किशनगंज के सीमावर्ती इलाकों में सख्ती

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 11, 2024, 11:01 PM IST

किशनगंज: सीएए लागू होते ही सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में एहतियातन गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. किशनगंज पुलिस सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट पर नजर रख रही है सोमवार को सीएए लागू होने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है. जिला पुलिस की ओर से जिले में ऐहतियातन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से गश्ती: एसपी सागर कुमार ने सभी थानाध्यक्ष को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है. सोशल मीडिया में भ्रामक पोस्ट करने वालों पर पुलिस की नजर रहेगी. एसपी सागर कुमार ने कहा कि सभी थानाध्यक्ष को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ व चौकीदारों को इस कानून में निहित प्रावधानों के बारे में बताएंगे. थाना क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाई जाएगी. सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से गश्ती करनी है.

"सोशल मीडिया पर किसी प्रकार का भ्रामक पोस्ट न करें. अगर कोई किसी प्रकार का जुलूस निकालेगा तो इसके लिए प्रशासन व पुलिस को सूचना देते हुए जुलूश का लाइसेंस लेना होगा. असामाजिक तत्त्वों पर पुलिस की नजर रहेगी. पुलिस को इलाके में गश्त करने का निर्देश दिया गया है."-सागर कुमार, एसपी किशनगंज

'भ्रम फैला रहे हैं विरोधी': दूसरी ओर राजनीति से जुड़े लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएए लागू होने को लेकर भाजपा के जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि सीएए को लेकर विपक्षियों द्वारा भ्रम की स्थिति फैलाई जा रही है. ये नागरिकता देने का कानून है, छीनने का नहीं है.

"इस कानून के लागू होने से किसी भी जाति या धर्म की नागरिकता नहीं जाएगी. इस कानून से दूसरे देशों से आने वाले विस्थापित को नागरिकता मिल सकेगी."-सुशांत गोप, भाजपा जिलाध्यक्ष

कांग्रेस का विरोधः इधर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष इमाम अली चिंटू ने कहा कि "हम इस कानून का विरोध जताते हैं. ये सरकार गरीबों के हित में नहीं है. सरकार को अचानक इस प्रकार का कानून लागू नहीं करना चाहिए था."

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