जल जीवन मिशन का जिन्न फिर बाहर आया (ETV Bharat Jaipur) जयपुर.राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले जल जीवन मिशन में गड़बड़ी और घोटाले के आरोप लगे थे. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और ईडी की जांच में इस मामले की कई परतें खुली थीं. अब लोकसभा चुनाव के बीच जल जीवन मिशन में गड़बड़ी और घोटाले के आरोपों का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. सीबीआई ने जल जीवन मिशन में गड़बड़ी और घोटाले के आरोपों को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया है. इसमें पीएचईडी के अधिशासी अभियंता विशाल सक्सेना और ठेकेदार पदमचंद जैन व महेश मित्तल को आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ही अज्ञात सरकारी कारिंदों और निजी व्यक्तियों का भी इस केस की एफआईआर में जिक्र है.
दरअसल, सीबीआई की ओर से जो प्राथमिकी दर्ज की गई है. उसमें बताया गया है कि इस साल एक फरवरी को सीबीआई को एक लिखित शिकायत मिली थी. इसके बाद राजस्थान की भजनलाल सरकार ने 18 मार्च को और केंद्र सरकार ने 22 मार्च को इस मामले की जांच की अनुमति दी थी. इसके बाद 3 मई को सीबीआई ने दिल्ली में यह केस दर्ज किया है.
एसीबी की कार्रवाई से हुआ खुलासा :दरअसल, जल जीवन मिशन में घूसखोरी और कमीशनखोरी का पर्दाफाश करते हुए एसीबी ने पिछले साल अगस्त में पीएचईडी के अधिशासी अभियंता मायालाल सैनी, जेईएन प्रदीप कुमार को ठेकेदार पदमचंद जैन से 2.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इसके बाद जल जीवन मिशन के ठेकों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी. हरियाणा से चोरी के पाइप लाकर राजस्थान में बिछाने के कारनामों का भी खुलासा हुआ था. इसके साथ ही फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर 900 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल करने की बात भी सामने आई थी.
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महेश जोशी तक पहुंची ईडी की जांच :इसके बाद ईडी ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली तो आंच पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी तक पहुंची थी. उनके घर पर भी ईडी ने सर्च किया था. उनके कई करीबियों के ठिकानों पर भी ईडी ने सर्च की कार्रवाई की थी. ईडी ने एक किलो सोना और करीब 2.50 करोड़ की नकदी भी बरामद की थी. हालांकि, सीबीआई की प्राथमिकी में महेश जोशी का नाम नहीं है, लेकिन उनके खिलाफ ईडी की जांच पेंडिंग है. ऐसे में सीबीआई में केस दर्ज होने के बाद उनकी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं.