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नलकूप विभाग का कारनामा: फर्जी कर्मचारी के वेतन के नाम पर निकाले 16.71 लाख, तीन सदस्यीय जांच टीम ने खंगाले दस्तावेज - 16 lakh bill scam investigation - 16 LAKH BILL SCAM INVESTIGATION

फर्रुखाबाद में फर्जी कर्मचारियों को वेतन भुगतान मामले की जांच शुरू हो गई है, जांच टीम ने ऑफिस पहुंचकर खंगाले दस्तावेज, नलकूप विभाग में मचा हड़कंप

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कलेक्टर ने बनाई तीन सदस्यीय जांच टीम (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 6:01 PM IST

जांच टीम ने दफ्तर में खंगाले कागजात (Video Credit; ETV Bharat)

फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद के नलकूप विभाग 16 लाख से अधिक के फर्जी भुगतान मामले की जांच शुरू हो गई है. विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने मिलीभगत कर पांच फर्जी कर्मचारियों के सात महीने के वेतन के नाम पर करीब 16 लाख रूपये से अधिक का भुगतान करा लिया. अधीक्षण अभियंता नलकूप ने टीम के साथ सेक्शन ऑफिस में पहुंच कर जांच शुरू की और दस्तावेज खंगाले. साथ ही 2021- 22 में तैनात रहे अधिकारी और कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. वरिष्ठ सहायक ने 7 महीने का 16 लाख से अधिक का भुगतान किया था. लिपिक से 11 लाख की वसूली भी हो चुकी है. वर्तमान में निलंबित चल रहा है. इस कार्रवाई से विभाग में खलबली मच गई है.

नलकूप विभाग के अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया की, नलकूप खंड कार्यालय फतेहगढ़ के सीनियर लिपिक मनोज कुमार ने नवंबर 2021 से लेकर जून 2022 तक पांच फर्जी कर्मचारियों का नाम से वेतन का बिल बनाकर भुगतान करा लिया था. 16.71 लाख रुपये का घोटाला उजागर होने पर विभागीय जांच की रिपोर्ट पर वरिष्ठ सहायक मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया था. उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

जिलाधिकारी ने घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. कमेटी में शामिल अधीक्षण अभियंता नलकूप मंडल धर्मेंद्र कुमार, वरिष्ठ कोषाधिकारी फर्रुखाबाद मनोज कुमार यादव, और अधिशासी अभियंता सिंचाई कन्नौज सूर्यमणि सिंह ने फतेहगढ़ के भोलेपुर बेवर रोड स्थित नलकूप खंड कार्यालय पहुंच कर घोटाला संबंधी कागजातों की जांच पड़ताल की.

अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि, आरोपी वरिष्ठ सहायक मनोज कुमार को जेल भेजा गया था. जुलाई 2022 में उच्च न्यायालय से जमानत पर छूट कर आया है. वह वर्तमान में भी निलंबित है और कन्नौज नलकूप खंड कार्यालय में संबद्ध है. घोटाला की जानकारी होते ही आरोपी वरिष्ठ सहायक से करीब 11 लाख रुपये की रिकवरी कर ली गई थी, बांकी रुपयों की रिकवरी होनी है. डीएम के आदेश पर जांच शुरू की गई है. वहीं 2021-22 में तैनात रहे अधिकारी और कर्मचारियों को नोटिस देकर उनका जवाब मांगा गया है. जांच दो महीने में पूरी कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.

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