लखनऊ : गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश की ओर से निकाली गई झांकी "कर्तव्य पथ पर महाकुंभ" लोगों की पहली पसंद रही. झांकी को पीपुल्स च्वाइस अवार्ड कटेगरी में पहला स्थान मिला है. इस कैटेगरी में 40 फीसदी वोट के साथ उत्तर प्रदेश पहले व 35 फीसदी वोट के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर रहा.
गणतंत्र दिवस परेड पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर निकाली गई यूपी की झांकी इस बार 'महाकुम्भ' की थीम पर आधारित थी. उत्तर प्रदेश की झांकी भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित "महाकुम्भ 2025- स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास को प्रदर्शित कर रही थी. यह झांकी प्रयागराज में पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर हो रहे महाकुम्भ के दिव्य स्वरूप को दर्शा रही थी, जो पृथ्वी पर मानवता का सबसे बड़ा समागम है.
अध्यात्म, धरोहर, विकास व डिजिटल क्रांति का संगम: 2025 का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन महाकुंभ अध्यात्म, धरोहर, विकास और डिजिटल प्रगति का संगम है. इस झांकी के केंद्र में भी यही रहा. ट्रैक्टर के आगे 'अमृत कलश' की आगे झुकी हुई भव्य प्रतिकृति दर्शाई गई, जिससे अमृतधारा प्रवाहित हो रही थी. साथ ही शंखनाद, आचमन और साधना करते साधु-संत और संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं ने महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जा को जीवंत किया.
समुद्र मंथन का दर्शन: ट्रेलर के पैनल पर अमृत (शाही) स्नान के लिए जाते अखाड़ों-श्रद्धालुओं को म्यूरल एवं एलईडी स्क्रीन के द्वारा दर्शाया गया. ट्रेलर के प्लेटफार्म पर समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को चित्रित किया गया. जिसने महाकुंभ के महत्व और इसकी ऐतिहासिकता को रेखांकित किया. इसके पिछले हिस्से में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों को दर्शाया गया था.
सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट को आईसीसीसी के माध्यम से प्रमुखता से दिखाया गया: झांकी के माध्यम से 'महाकुंभ 2025' के आयोजन में अपनाई जा रही टेक्नोलॉजी, प्रबंधन और डिजिटलीकरण को भी दर्शाया गया. इसके लिए हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को प्रमुखता से दिखाया गया, जो सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण है. साथ ही एलईडी के माध्यम से महाकुंभ पर्व स्नान को जाते अखाड़ों के जुलूस को प्रसारित किया गया.
गुजरात की इस बार की झांकी में पीएम मोदी के जन्मस्थान वडनगर को दर्शाया गया था. झांकी में गुजरात के विकास के साथ संस्कृति और विरासत की झलक को समेटा गया था. गुजरात की झांकी में अहमदाबाद के साबरमती नदी पर बने अटल ब्रिज को जगह मिली थी. साथ ही भविष्य में कृष्ण नगरी द्वारिका का किस तरह से विकास होने वाला है इसका भी संकेत दिया गया.