करौली.राजस्थान सरकार के स्वायत शासन विभाग की ओर से करौली नगर परिषद की सभापति रशीदा खातून को भष्ट्राचार और पद के दुरूपयोग के मामले में निलंबित किया गया था, अब खातून की मुश्किलें और बढ़ती जा रही है. रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता गजेंद्र भारद्वाज ने सभापति के खिलाफ कोतवाली थाना पुलिस में खातून के मनोनीत पार्षद पुत्र अमीनुद्दीन को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से फर्जी पट्टा जारी करने का मामला दर्ज कराया है. प्रकरण में तत्कालीन आयुक्त, अमीनुद्दीन, पैनल एडवोकेट इकरामुद्दीन के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया गया है. कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता गजेंद्र भारद्वाज की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बताया गया है कि नगर परिषद करौली की तत्कालीन सभापति ने एक पट्टा अपने पुत्र मनोनीत पार्षद अमीनुद्दीन के कहे अनुसार षडयंत्र रचकर जारी किया है. दर्ज प्रकरण के अनुसार दिनांक 6 जुलाई 2022 को जारी पट्टे के अनुसार नगर परिषद करौली द्वारा अमीनुद्दीन पुत्र मइनुद्धीन निवासी जामा मस्जिद करौली के नाम से पुरानी आबादी क्षेत्र भट्टा अम्बेडकर सर्किल के पास 397.09 वर्ग मीटर का पट्टा जारी किया था, जबकि असल में इस पट्टे से पूर्व इसी स्थान का एक पट्टा 372.63 वर्ग मीटर का अमीनुद्दीन के नाम दिनाकं 12 नवंबर 2021 को जारी किया जा चुका था. सभापति रसीदा खातून ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने बेटे को और स्वंय को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से आपराधिक षडयंत्र के तहत मूल पट्टे में फर्जकारी कर भूखण्ड के नक्शे में भी हेराफेरी की है. पट्टे में पश्चिम भुजा की लम्बाई 74 फीट के स्थान पर बढ़ाकर 88 फीट और उत्तर दिशा की लम्बाई 58 फीट की जगह 60 फीट कर नाप बढ़ा दी गई है. पट्टा जारी करने में प्राचीन राजा की ऐतिहासिक बुर्ज को नष्ट करने के उद्देश्य से सटा कर नियमानुसार जगह नहीं छोड़ी गई. साथ ही मास्टर प्लान में अंकित अम्बेडकर पार्क के चौड़ीकरण व आम रास्ते के चौड़ीकरण के नियमों की अवहेलना की गई.
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रिपोर्ट में आगे बताया गया कि यह आपराधिक षडयंत्र में सभापति रसीदा खातून, मनोनीत पार्षद अमीनुद्दीन, व उनके के साले नगर परिषद करौली के पैनल एडवोकेट इकरामुद्दीन, तत्कालीन आयुक्त नरसी मीणा ने नाप बढ़ाकर नक्शे व पट्टा में से महादेवजी का मन्दिर व रास्ते को विलोपित कर अपने भूखण्ड में दर्शाया है. पट्टा जारी करने के बाद इस स्थान में मौजूद प्राचीन महादेव मन्दिर को तोड़फोड़ कर खुर्द बुर्द कर गायब कर दिया गया. साथ ही हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचाकर सामप्रदायिक सौहार्द को खराब किया गया है.