बरेली : जिले में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है. आरोप है कि उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग से फर्जी प्रपत्रों के आधार पर लाखों रुपये का ऋण लेकर धन का दुरुपयोग किया गया. इस मामले में चार साल जांच चली. जांच के बाद कोतवाली में एंटी करप्शन विभाग की तरफ से 6 संस्थाओं के पदाधिकारियों, तत्कालीन नायब तहसीलदार और लेखपालों सहित 28 के खिलाफ भ्रष्टाचार की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है.
भ्रष्टाचार निवारण संगठन बरेली के डिप्टी एसपी यशपाल सिंह ने बताया कि जिले में उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के बरेली की 6 अलग-अलग संस्थाओं ने समूह बनाकर कुटीर उद्योग लगाने के लिए लगभग 41 लाख रुपये का ऋण लिया. यह लोन जमीनों को बंधक बनवाकर लिया गया था. 1995 से 1999 तक चार वर्षों में छह संस्थाओं के द्वारा उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग से ऋण लिया गया था. संस्थाओं के द्वारा किसी ने आटा चक्की लगाने के लिए तो किसी ने डेरी खोलने के लिए लोन लिया पर ऋण लेने के बाद उसको वापस नहीं किया गया. तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी अरुण सिंह के द्वारा 6 संस्थाओं के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर ऋण लेने की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई.