पेरिस/चंडीगढ़ :हरियाणा की धाकड़ बेटी और रेसलर विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल को लेकर CAS का फैसला आ गया है. फिर से टल गया है. अब 16 अगस्त को फैसला सुनाया जाएगा.पहले 11 अगस्त को फैसला सुनाया जाना था लेकिन बाद में इसे 13 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया था.
100 ग्राम ज्यादा होने के चलते गोल्ड से चूकी :9 अगस्त को CAS ने विनेश फोगाट के मामले में 3 घंटे तक इस मामले की सुनवाई की थी. विनेश फोगाट ने इस दौरान वर्चुअली सुनवाई में हिस्सा लिया था. वहीं भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की ओर से वकील हरीश साल्वे ने विनेश फोगाट का पक्ष CAS के सामने रखा था. आपको बता दें कि भारत की बेटी विनेश फोगाट 50 किलो से सिर्फ 100 ग्राम ज्यादा होने के चलते कुश्ती के मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित कर दी गई थी. जबकि शुरुआती दौर में जब विनेश का वजन लिया गया था तो वो 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी की तय सीमा से कम थी. इस बीच इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा था कि 'वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी होती है. इनमें एथलीटों के वजन को मैनेज करने की जिम्मेदारी हर एथलीट और उसके कोच की है.
CAS के सामने रखी गई दलीलें :CAS के सामने विनेश फोगाट के पक्ष में रखी गई दलीलों में कहा गया था कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है. ये एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है. गर्मी के मौसम में इंसान का शरीर फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि इस दौरान शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है. इसके अलावा विनेश ने एक ही दिन में 3 मुकाबले लड़े हैं. इस दौरान एनर्जी को बरकरार रखने के लिए उन्हें डाइट भी लेनी पड़ी है. साथ ही फाइट की टाइट शेड्यूल के चलते विनेश को वेट कम करने का पर्याप्त वक्त नहीं मिल सका जिसके चलते ऐसी नौबत आन पड़ी.
विनेश ने संन्यास लेने का कर दिया था ऐलान :वहीं कुश्ती से अयोग्य ठहराए जाने के फैसले के बाद विनेश ने पूरे देश को हैरान करते हुए कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर लिखा था कि "मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई. माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुका है. इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी".
क्या होता है CAS? :ओलिंपिक खेलों के दौरान विवाद की स्थिति में फैसला CAS को करना होता है. CAS का फुल फॉर्म कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट है. इसका काम स्पोर्ट्स से जुड़े कानूनी विवादों का खात्मा करना होता है.