शिमला: हिमाचल में सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में दो या इससे अधिक साल से खाली पड़े पदों को खत्म करने को लेकर जारी अधिसूचना के बाद सियासी भूचाल मच गया है. जिसको लेकर अब सोशल मीडिया में सरकार की खूब किरकिरी हो रही है. वहीं, विपक्ष ने भी पदों को समाप्त करने को लेकर सरकार को घेरा है. जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है. वहीं, सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी पदों को समाप्त किए जाने को लेकर कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि ये सही है कि हमारी वित्तीय स्थिति अनुकूल नहीं है. फिर भी हमारी सरकार विकास के कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दो साल में 25 से 30 हजार नौकरियां पैदा की हैं. उन्होंने कहा कि हम आंकड़ों के साथ इसे विधानसभा में रखेंगे की किस-किस क्षेत्र में नौकरियां प्रदेश में दी गई हैं.
'रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार की जिम्मेवारी'
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार की जिम्मेवारी है. इसकी गंभीरता को समझते हुए हर कैबिनेट की मीटिंग में नए पद सृजित करना हमारी प्राथमिकता रहती है. उन्होंने कहा कि सरकारी सेक्टर के अलावा हम निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं. इसके लिए हम नई होम स्टे पॉलिसी भी ला रहे हैं. जिसे अगली कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा. जिसका प्रदेश के युवाओं को लाभ होगा. हमारी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए लंबित रिजल्टों को भी समय-समय पर घोषित किया है."
जयराम ठाकुर पर साधा निशाना
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कहा कि जयराम ठाकुर जो कहते हैं कि कैबिनेट सब कमेटियां समय खरीदने को बनती है, तो वे अपनी सोच को हमारे ऊपर थोपने का प्रयास न करें. उन्होंने कहा कि हाल ही में जो नया बवाल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है. इस बारे में बताना चाहता हूं कि वित्त विभाग ने कहा है कि जो पद बहुत समय से नहीं भरे गए हैं, उनको कन्वर्ट किया जा रहा है. ऐसे 15 साल पहले सृजित किए गए पदों का आज के दौर में कोई औचित्य नहीं है. ऐसे ने इन पदों को नई पोस्टों में कन्वर्ट किया जा रहा है. इसको जयराम ठाकुर राजनीतिक रंग देने का असफल प्रयास कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर खुद मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रहे हैं. जिसकी उनको पूरी जानकारी होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री कर चुके हैं स्थिति स्पष्ट