प्रयागराज/सुल्तानपुर/झांसी :सुल्तानपुर में दिनदहाड़े हुए लूटकांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर में मारे जाने पर लगातार सियासत चल रही है. सपा मुखिया अखिलेश यादव के पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाले बयान पर योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने पलटवार किया है. शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी प्रयागराज सर्किट हाउस में विकास योजनाओं की समीक्षा करने पहुंचे थे.
'अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहीं सरकार की योजनाएं' :उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि 2017 से 2022 तक यूपी उत्तम प्रदेश बना है और अब सर्वोत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है. यूपी के हर जिले में केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं अंतिम गांव और अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं. सरकार की मंशा है कि जो पात्र व्यक्ति हैं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित न रहें. उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. जो अपनी कड़ी मेहनत से आगे बढ़ता है वह सभी बातों को समझता है.
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि 2012 में उनके पिता मुलायम सिंह यादव को जनादेश मिला था, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को गद्दी सौंप दी. अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कैबिनेट मंत्री नंदी ने कहा कि विरासत में गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती है. अखिलेश यादव अक्सर बचकानी हरकतें करते रहते हैं. वो कई बार फैसले लेने के बाद उसे वापस भी ले लेते हैं. उन्होंने कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन सरकार जाने के बाद सरकारी आवास से टोंटी खोल लेने का काम भी अखिलेश यादव ने किया था.
'100 करोड़ की सड़क 200 करोड़ में बनाई जाती थी' : वहीं, एनकाउंटर में मारे गए ज्वेलर्स लूटकांड के आरोपी मंगेश यादव के घर समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन भेजे जाने को लेकर मंत्री नंदी ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, यह तो अखिलेश यादव के डीएनए में है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में यह नारा लगता था जिस गाड़ी में सपा का झंडा उस गाड़ी में बैठा गुंडा. कैबिनेट मंत्री नंदी ने सपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा शासन काल में सड़कों का डीपीआर दोगुना कर दिया जाता था. 100 करोड़ की सड़क 200 करोड़ में बनाई जाती थी और सौ करोड़ पार्टी फंड में दे दिया जाता था और कुछ कार्यकर्ता भी कमाते थे. सपा सरकार में सरकारी नौकरियों की बोलियां लगती थीं.