बुरहानपुर।जिला मुख्यालय से महज चार किमी दूर बोहरडा गांव में स्थित पत्थरों से बने सैकड़ों वर्ष पुराने ऐतिहासिक स्मारक राजा जयसिंह की छत्री के ऊपरी भाग में पीपल के पौधे उग आए हैं. इससे मजबूत जोड़ में दरारें पड़ गई हैं. पौधे लगातार बड़े हो रहे हैं. इससे इन पत्थरों में गेप हो रहा है. ऐतिहासिक महत्व की इस इमारत की इस बदहाली से शहर के लोगों में रोष है. लोगों का कहना है कि इसकी मरम्मत करने की जरूरत है.
पत्थरों के बीच पौधे कैसे उगे
लोग ये जानना चाहते हैं कि पत्थरों में पौधे कैसे उग रहे हैं. इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पक्षी को किसी फल का बीच हजम नहीं होता है तो वह उसे वह बाहर निकाल देता है. वह बीज पत्थरों के बीच में उग जाता है. इतिहासकार व विशेषज्ञ कमरूद्दीन फलक बताते हैं कि पीपल के फल का बीज बारीक और सख्त होता है. यह पक्षियों को हजम नहीं होता. वह पक्षियों की बीट में निकलता है. पक्षी फल खाकर इमारत के ऊपरी हिस्से में बैठ जाते हैं, इस पर बीट कर देते हैं, इससे बीज निकलता है और वह उग जाता है.