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बिन पानी सब सून, बुरहानपुर में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं लोग, कई किलोमीटर दूर से ला रहे पानी - water crisis burhanpur

गर्मी बढ़ते ही मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित बुरहानपुर में भी पेयजल का संकट मंडरा रहा है. जिले के आदिवासी बहुल गांवों में लोग दो-तीन किलोमीटर दूर से पैदल चलकर पानी लाने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि इस मामले की जानकारी जिम्मेदारों को है फिर भी वह उनकी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं.

WATER PROBLEM BURHANPUR DISTRICT
बुरहानपुर में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं लोग (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 27, 2024, 11:16 AM IST

बुरहानपुर।केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को देशभर में सबसे पहले सफल बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल करने वाले बुरहानपुर जिले में ही भयानक जल संकट पैदा हो गया है. जिले के दूरस्थ आदिवासी बहुल गांव में न केवल नल जल योजना बल्कि हैंडपंप भी दम तोड़ चुके हैं. परिणाम स्वरूप महिलाओं को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है. एक दुखद पहलू यह है कि इस मामले की जानकारी पीएचई विभाग के अफसर और जिला प्रशासन को भी है, लेकिन अब तक इस जल संकट को दूर करने के लिए किसी ने पहल नहीं की है.

बुरहानपुर में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं लोग (Etv Bharat)

पानी के लिए जद्दोजहद

जिले के आदिवासी बाहुल्य धुलकोट क्षेत्र में जल संकट गहराने लगा है. ग्रामीण महिलाएं तपती धूप में ऊंची चढ़ाई चढ़कर पानी लाने को मजबूर हैं, वहीं पुरुष भी रोजाना सुबह-शाम 20-25 बैलगाड़ियों से दो किमी दूर से पानी लाने की जद्दोजहद में जुटे हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, हालात ऐसे ही रहे तो क्षेत्र में भीषण जल संकट की स्थिति बन सकती है. धुलकोट के ग्राम पंचायत जलान्द्रा के बोरदड़ गांव और ग्राम पंचायत बोरी बुजर्ग के चिखलिया गांव में महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

कई किलोमीटर दूर से पानी लाते हुए लोग (Etv Bharat)

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कोई नहीं दे रहा ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान

ग्रामीणों का आरोप है कि बोलदड़ फालिया में करीब एक वर्ष से नलों में पानी नहीं आ रहा है, ऐसे में ग्रामीण महिलाओं को एक किमी दूर तपती धूप में ऊंची चढ़ाई चढ़कर पानी लाना पड़ रहा है. महिलाओं का कहना है कि ''पानी की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों सहित अफसरों का कोई ध्यान नहीं है. जनप्रतिनिधि केवल वोट लेने आते हैं और ग्रामीणों की समस्या का निराकरण करना मुनासिब नहीं समझते. हालात यह हैं कि 45 डिग्री में भी हम महिलाओं को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दो किलोमीटर दूर से सिर पर पानी से भरे बर्तन रखकर लाने से हमारी कमर और घूटने दर्द होता है'' साथ ही लू लगने से ग्रामीण महिलाए बीमार हो रही है. वहीं ग्राम पंचायत बोरी बुजर्ग के चिखलिया गांव में भी जल संकट की स्थिति बनी हुई है. ग्रामीण जन सुबह शाम तीन किमी दूर से बैलगाड़ियों से पानी ला रहे हैं. यह सभी लोग दर्जनों बैलगाड़ी लेकर बिहारी महराज के खेत में बने कुएं से पानी लाते हैं और यह पानी गांव के बिहारी महराज द्वारा निःशुल्क दिया जा रहा है.

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