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बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड का दोषी सीबीआई कोर्ट में किया सरेंडर, 4 अप्रैल को होगी सजा पर सुनवाई - BSP MLA Raju Pal murder case

प्रयागराज में 19 साल पहले हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में दोषी ने सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया है. सजा सुनाने से पहले अभियुक्त अपने घर से फरार हो गया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 1, 2024, 7:55 PM IST

Updated : Apr 1, 2024, 8:31 PM IST

लखनऊ:प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) के चर्चित पूर्व बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड में 29 मार्च को सजा पर सुनवाई के समय गैर हाजिर रहे सातवें अभियुक्त इसरार अहमद ने सीबीआई की विशेष अदालत में आत्म समर्पण कर दिया है. अदालत ने आरोपी को हिरासत में लेकर जेल भेजते हुए 4 अप्रैल को सजा के प्रश्न पर सुनने के लिए जेल से तलब किया है.


उल्लेखनीय है कि 29 मार्च को अदालत ने मामले के आरोपी आबिद, जावेद, रंजीत पाल, अब्दुल कवि, गुल हसन व फरहान को हत्या, हत्या के प्रयास एवं विधि विरुद्ध जमावड़ा के आरोप में उम्रकैद की सजा के साथ-साथ प्रत्येक को 1 लाख 90 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. जबकि दोषसिद्ध इसरार अहमद के अदालत में मौजूद न होने के कारण उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. सोमवार को इसरार अहमद ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में आत्म समर्पण किया. जिसे अभिरक्षा में लेने के बाद अदालत ने कहा है कि सजा के प्रश्न पर अभियुक्त को सुना जाना है.

पत्रावली के अनुसार 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिम से बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस गोलाबारी में देवीपाल एवं संदीप यादव की भी मौत हो गई थी और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस घटना की रिपोर्ट राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में दर्ज कराई थी. जिसमें अतीक अहमद उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद आदिम को भी नामजद किया गया था. पूजा पाल की ओर से इस मामले में अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने बहस की. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था. जबकि पहले इस मामले की विवेचना स्थानीय पुलिस व बाद में सीबीसीआईडी कर रही थी. सीबीआई ने विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, हत्या की साजिश रचना व आईपीसी की अन्य धाराओं तथा आर्म्स एक्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था.

बता दें कि हथियार रखने के आरोपी इसरार को कोर्ट ने 4 साल की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी. जिस वक्त कोर्ट ने सजा सुनायी इसरार वहां मौजूद नहीं था, बल्कि वो अपने घर को छोड़कर फरार हो चुका है. जबकि इससे पहले तक हर सुनवाई में वह साथी आरोपियों के साथ सीबीआई कोर्ट जाता रहा है. लेकिन उसे इस बात का आभास हो गया था कि 28 मार्च को कोर्ट सजा सुनाएगी और वो दोषी भी बनेगा. इस वजह से वो 29 मार्च को सीबीआई कोर्ट में पेश नहीं हुआ. इस केस में मुख्य आरोपी रहे माफिया अतीक अहमद उसके छोटे भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल 2023 को हत्या हो चुकी है. एक अन्य आरोपी गुलफुल प्रधान की मौत हो चुकी है.

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Last Updated : Apr 1, 2024, 8:31 PM IST

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