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'मजबूत विपक्ष के चलते मजबूर सरकार को रद्द करना पड़ा पेपर'- BPSC शिक्षक बहाली परीक्षा रद्द होने पर बोले तेजस्वी

BPSC TRE 3 Exam Cancel : बिहार लोक सेवा आयोग ने 15 मार्च को शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की परीक्षा को रद्द कर दिया. कथित रूप से पेपर लीक को लेकर अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर था. तेजस्वी यादव गंभीर आरोप लगा रहे थे. अब एक बार फिर तेजस्वी ने विपक्ष पर निशाना साधा है. पढ़ें, विस्तार से.

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 20, 2024, 9:44 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 9:50 PM IST

तेजस्वी
तेजस्वी

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग ने बुधवार 20 मार्च को शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की परीक्षा में पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने 15 मार्च की हुई दोनों पालियों की परीक्षा को रद्द कर दिया है. बीपीएससी द्वारा परीक्षा रद्द किए जाने के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर हमला बोला है. सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि 'आखिरकार मजबूत विपक्ष और परीक्षार्थियों की बुलंद आवाज के चलते मजबूर सरकार को पेपर रद्द करना पड़ा.'

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- "जब हम सत्ता पक्ष में थे तो 17 महीनों में 4 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी. किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक नहीं होने दिया. हमारे द्वारा स्वीकृत तीसरे चरण की एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा में हमारे हटते ही पेपर लीक हो गया. बिहार सरकार मानने को तैयार ही नहीं थी कि पेपर लीक हुआ है, लेकिन आखिरकार मजबूत विपक्ष और परीक्षार्थियों की बुलंद आवाज के चलते मजबूर सरकार को पेपर रद्द करना पड़ा."

भाजपा के राज में पेपर लीक हुआः राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को पटना एयरपोर्ट पर मीडिया को संबोधित करते हुए पेपर लीक को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने कहा था कि बिहार में माफिया राज आ गया है. इसलिए परीक्षा के एडमिट कार्ड के पीछे उत्तर लिखा हुआ मिलता है. उन्होंने कहा कि 17 महीने के कार्यकाल में कहीं भी पेपर लीक नहीं हुआ. उन्होंने कहा था कि"कुछ लोग माफिया राज खत्म करने की बात करते हैं लेकिन हो क्या रहा है? हमलोगों ने 70 दिनों के अंदर 2 लाख लोगों को नियुक्ति पत्र बांटने का काम किया. भाजपा का जहां राज रहा है वहां पेपर लीक हुआ है."

ईओयू ने जांच में पकड़ी थी गड़बड़ी: बताते चलें कि ईओयू ने पेपर लीक मामले की जांच की थी. जांच में उसने पाया कि 15 मार्च की परीक्षा का पेपर 1 दिन पूर्व ही लीक हो गया था. 10 से 12 लाख रुपए में प्रत्येक कैंडिडेट से क्वेश्चन पेपर का सौदा हुआ था. शिक्षा माफिया रिजॉर्ट बुक करके पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों को आंसर रटवाते हुए पकड़े गए थे. हजारीबाग में यह सब हुआ था. जांच के क्रम में पता चला कि यह गिरोह कई जगहों पर काम कर रहा था. पूरा पेपर लीक कांड कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस संचालक के साथ मिलकर शिक्षा माफिया ने अंजाम दिया था.

Last Updated : Mar 20, 2024, 9:50 PM IST

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