पटना:हाईकोर्ट ने राज्य में आठ हजार से अधिक कंप्यूटर साइंस उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ली गई टीआरई-1 परीक्षा के परिणाम और पूरक परिणाम को रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए बीपीएससी एवं राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
नीतीश सरकार और बीपीएससी से जवाब तलब: कोर्ट ने विजय शंकर तिवारी की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास कुमार पंकज ने कोर्ट को बताया टीआरई - 1 परीक्षा का विज्ञापन 30.05.23 को जारी किया गया था. विज्ञापन के अंतिम प्रकाशन के बाद योग्यता प्राप्त करने वाले 900 से अधिक उम्मीदवारों का चयन किया गया है.
"परिणाम में बड़े पैमाने गड़बड़ी है,क्योंकि किसी भी तरह से बड़ी संख्या में ईडब्ल्यएस सफल उम्मीदवारों की मेरिट सीरियल अनारक्षित सफल उम्मीदवारों की मेरिट सीरियल से कम नहीं हो सकती है. विज्ञापन की अंतिम तिथि जो कि 22.07.2023 थी, उसके बाद कई उम्मीदवारों ने योग्यता प्राप्त की."- विकास कुमार पंकज, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता
क्या है पूरा मामला: बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी. दरअसल शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण में पूरक परिणाम जारी किया गया था, इसमें कुल 2773 उम्मीदवारों को उत्तीर्ण किया गया था. इसमें कुल रिक्तियां 4797 थी, लेकिन फिर भी 2024 रिक्तियां रह गयी थीं. इसके बाद आयोग की ओर से कहा गया कि बची सीटों को दूसरे चरण में शिक्षकों की रिक्तियां भरी जाएगी. आयोग के इस फैसले के विरुद्ध पटना हाइकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी. धीरेन्द्र कुमार व अन्य ने याचिका दायर की थी. वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरी ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखा था.
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