पटनाः बीपीएससी 70वीं पीटी रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है. लेकिन इस विरोध का एक ऐसा मार्मिक दृश्य सामने आया जिसने मानवता को झकझोर दिया. कंकड़बाग स्थित धरनास्थल पर एक महिला अभ्यर्थी अपने चार महीने के दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर बैठी मिली. यह तस्वीर न केवल सरकार की संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि बेरोजगारी की उस हकीकत को भी बयां करती है, जो मजबूर मांओं को अपने बच्चों के साथ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर रही है.
कौन है यह मजबूर मांः महिला का नाम राखी कुमारी है. सीतामढ़ी से प्रदर्शन में शामिल होने आई राखी कुमारी ने कहा कि उनका दुधमुंहा बच्चा है. परीक्षा के दिन दूसरे के भरोसे बच्चे को छोड़कर परीक्षा देने गई थी. परीक्षा देकर 3 घंटे बाद जब केंद्र से निकली तो पता चला कि गिरने के कारण बच्चा का हाथ टूट गया है. इसी बीच पता चला की परीक्षा में धांधली हो गई है. मन इतना निराश हो गया कि लगा की खुदकुशी कर लूं, लेकिन बच्चे को देखा तो जीने का मनोबल मिला.
"एक छात्र सोनू ने आत्महत्या कर ली. लोग कह रहे हैं सोनू ने गलत किया और वह भी मानती है कि सोनू ने गलत किया. लेकिन सोनू को ऐसा करने के लिए मजबूर सिस्टम ने किया. यह सिस्टम सोनू जैसे हजारों युवाओं को आत्महत्या के लिए विवश कर रहा है"- राखी कुमारी, बीपीएससी अभ्यर्थी
प्रशांत किशोर से नाराजगीः राखी कुमारी ने कहा कि कल के प्रदर्शन में प्रशांत किशोर ने पीठ दिखा कर भागने का काम किया है. प्रशांत किशोर इससे पहले बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि उनके रहते अभ्यर्थियों पर कोई लाठी चार्ज नहीं कर सकता है. अगर पुलिस लाठी चलती है तो पहले लाठी वह खाएंगे. लेकिन जब लाठी चलने का सिचुएशन बना तब पहले ही पीके प्रदर्शन से निकाल कर चले गए. उसका कहना था कि पीके ने अभ्यर्थियों के आंदोलन को कमजोर किया है.
नेता पर अब नहीं भरोसाः राखी ने कहा कि अभ्यर्थियों ने तो सिर्फ अपना एक एग्जाम खोया है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में पीके ने अपना राजनीतिक कैरियर खोया है. प्रशांत किशोर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि हमारे साथ जब सड़क पर उतारिएगा तो लाठी नहीं चलेगी और पहले लाठी हम कहेंगे तब भी भरोसा नहीं था. लेकिन एक उम्मीद थी कि शायद अभ्यर्थियों को कुछ नहीं होगा. लेकिन अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज हुआ, ठंड में पानी की बौछारें हुई. काफी अभ्यर्थी बुरी तरीके से जख्मी हुए हैं.