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पत्थर से टकराकर दो हिस्सों में बंटी नाव, बगहा में बड़ा हादसा, 20 यात्री थे सवार

बगहा के गंडक नदी में नाव पत्थर से टकरा कर दो हिस्सों में बंट गई. नाव पर सवार सभी लोगों को बचा लिया गया है.

बगहा में पत्थर से टकराई नाव
बगहा में पत्थर से टकराई नाव (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 4 hours ago

बगहा: बिहार के बगहा के गंडक नदी में बुधवार सुबह एक बड़ा नाव हादसा हुआ. यह घटना नगर थाना क्षेत्र के गोडियापट्टी के पास हुई. 20 सवारियों से भरी नाव पत्थर में टकराने के कारण दो हिस्से में बंट गई. जिस कारण नाव में सवार लोग गंडक नदी में डूबने लगे, लेकिन स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की तत्परता से सभी सवारों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

बगहा में नाव हादसा:बताया जाता है कि नाव अग्रवाल वाटिका घाट से गंडक नदी के दूसरे किनारे की ओर जा रही थी. कुहासे के कारण साफ नजर नहीं और नाव का नियंत्रण बिगड़ गया और नदी किनारे के पास एक बड़े पत्थर से टकरा गई, टक्कर इतनी जोरदार थी कि नाव दो हिस्सों में टूट गई. पत्थर से नाव टकराते हीं तेज आवाज के साथ दो टुकड़ों में बंट गई और मौके पर अफरातफरी का माहौल कायम हो गया.

बगहा नदी किनारे लोगों की भीड़ (ETV Bharat)

स्थानीय लोगों की सूझबूझ से बची जानें: बताया जाता है किपत्थर से टकराने के बाद नाव में सवार लोग गंडक नदी में डूबने लगे. हालांकि नदी का किनारा होने के कारण सभी लोग तैरकर बाहर निकल गए. किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है. नदी किनारे मौजूद गोताखोरों और ग्रामीणों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. अगर यह हादसा नदी के बीच धार में हुआ होता, तो घने कोहरे के कारण बचाव कार्य में भारी मुश्किलें आ सकती थीं और कई लोग डूब सकते थे.

"प्रशासन सख्त कार्रवाई करे और नाव परिचालन के लिए सुरक्षा मानकों को लागू करे. अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में बड़ी दुर्घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता."- चंद्रशेखर साहनी, स्थानीय

एक माह में यह दूसरी घटना: बता दें कि ठंड का मौसम शुरू होने के बाद यह दूसरा नाव हादसा है. इसके पूर्व पिछले माह भी घने कोहरे के कारण एक नाव कैलाशनगर के नारायनापुर में निर्माणाधीन पुल से टकरा कर पलट गई थी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. एक मृतक का शव बरामद हुआ था जबकि एक का शव अब भी नहीं मिला है. इस घटना के बाद प्रशासन ने निजी नावों के परिचालन पर रोक लगा दी थी.

"नावों का संचालन बिना किसी सुरक्षा मानकों के हो रहा है. लाइफ जैकेट और अन्य आवश्यक सुरक्षा उपकरणों का अभाव है. जिससे हर यात्रा में जान का जोखिम बना रहता है."- सुनिल कुमार, स्थानीय

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