गौरेला में अफसरों पर गंभीर आरोप, मरम्मत के काम में करोड़ों का हेरफेर, भाजयुमो की शिकायत पर शुरु हुई जांच - BJYM made serious allegations - BJYM MADE SERIOUS ALLEGATIONS
भाजयुमो में आदिम जाति कल्याण विभाग के अफसरों पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. भाजयुमो की माने तो अफसरों ने मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि का बंदरबाट किया है.
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही :आदिम जाति कल्याण विभाग में एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. जिले में विभाग के भवन की मरम्मत में पैसों का बंदरबाट होने का मामला सामने आया है. जिसकी शिकायत भाजयुमो ने प्रभारी मंत्री समेत कलेक्टर से की है.शिकायत के बाद कलेक्टर ने जांच कमेटी बनाकर मामले में जांच शुरु करवाई है.
क्या है मामला ? : गौरेला पेंड्रा मरवाही मेन रोड पर आदिम जाति कल्याण विभाग का खेल परिसर भवन है. ये भवन साल 1998 में बनाया गया था. भवन 35 साल पुराना होने के बाद भी मजबूती से खड़ा था. इस भवन में रंगरोगन और थोड़ी बहुत मरम्मत करके इसे फिर से चमचमाया जा सकता था.लेकिन इस मजबूत भवन के रिपेयरिंग के नाम पर एक करोड़ अट्ठारह लाख रुपए का भारी भरकम बिल पास हुआ है. जिसकी शिकायत भाजयुमो ने प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से की. शिकायत के बाद मंत्री के निर्देश पर कलेक्टर ने मामले में जांच कमेटी बनाकर जांच शुरु करवाई है.
कैसे हुई गड़बड़ी ?:भाजयुमो के मुताबिक आदिवासी विकास विभाग के गुरुकुल खेल परिसर छात्रावास में मरम्मत के नाम पर पैसों की लूट हुई है. टेंडर किसी बड़े अखबार ना निकाल कर ऐसे अखबार में निकाला गया,जिसे कोई नहीं पढ़ता. हैरानी की बात ये है कि 1 करोड़ 18 लाख के काम में सिर्फ 5 फर्म ने ही निविदा पेश की.जिसमें सिर्फ तीन ही उपयुक्त पाए गए.लिहाजा ये काम तीन फर्म को बांट दिए गए.इससे पहले मरम्मत कार्यों में अधिकतम 30 लाख का खर्च आता था.लेकिन अचानक सिर्फ मरम्मत में ही एक करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की गई.
भाजयुमो का आरोप है कि पूरा काम ही सवालों के घेरे में है. बिल्डिंग में टाइल्स लगाकर दीवारों और दरवाजों में रंग रोगन करवाया गया.जबकि इस काम के बाद भी दरवाजे और खिड़कियां जर्जर हैं.दीवारों में कई जगहों पर दरारें हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा ने इस पूरे मामले पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त पर कार्रवाई की मांग की है.साथ ही साथ वो कर्मचारी जो निविदा प्रक्रिया में शामिल थे, उनकी जांच करने के बाद शासकीय पैसों के दुरुपयोग करने का मामला दर्ज करने की मांग की है.
'' एक करोड़ रुपए में नई बिल्डिंग बनाई जा सकती थी.लेकिन यहां सिर्फ कागजी मरम्मत काम करके पैसा ले लिया गया. युवा मोर्चा इस मामले को सड़क तक लड़ने को तैयार है.'' प्रखर तिवारी, जिलाध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा
जनसंपर्क के सिर फोड़ा ठीकरा :मामले पर जब आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त से बात की गई तो उन्होंने टेंडर प्रक्रिया प्रतिष्ठित अखबारों में विज्ञापन न देने के लिए जनसंपर्क पर ठीकरा फोड़ दिया. वहीं भ्रष्टाचार होने से इनकार भी किया. मामले में जिला कलेक्टर ने शिकायत आने के बाद संयुक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में तीन सदस्य कमेटी बनाकर जांच शुरू करने के आदेश दे दिए हैं.जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि निविदा प्रक्रिया को मैनेज कर अपने चाहते ठेकेदारों को काम दिलाने का जिले में ये पहला मामला नहीं है. इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.लेकिन बड़ा सवाल यही है कि अब तक किसी भी मामले में कार्रवाई ना के बराबर हुई है. एक बार फिर बड़ी राशि के बंदरबाट के आरोप लग रहे हैं. जिसकी सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी.